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केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को दी मंजूरी, जानिए इसके बारे में सबकुछ

केंद्रीय कैबिनेट ने आज राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसपर अगले 8 वर्षों में करीब छह हजार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा.

National Quantum Mission: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसपर अगले 8 वर्षों में करीब छह हजार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और जितेन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी.

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन पर आयेगी 6003 करोड़ रुपये की लागत

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. उन्होंने बताया कि इस राष्ट्रीय क्वांटम मिशन पर 6003 करोड़ रुपये की लागत आयेगी और इसकी समयावधि वर्ष 2023-24 से 2030-31 तक होगी.

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन क्या है?

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन सटीक समय, संचार और नौवहन के लिए परमाणु प्रणालियों एवं परमाणु घड़ियों में उच्च संवेदनशीलता से लैस मैग्नेटोमीटर विकसित करने में मदद करेगा. एक सरकारी बयान के अनुसार, इस नये मिशन के तहत सुपरकंडक्टिंग और फोटोनिक तकनीक जैसे विभिन्न प्लेटफार्म में आठ वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट की क्षमता वाला मध्यवर्ती स्तर का क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने की परिकल्पना की गई है. वहीं, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कई क्रांतिकारी कार्य किए हैं और यह मिशन इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने, क्वांटम प्रौद्योगिकी पर आधारित आर्थिक विकास को गति देना है.

केंद्रीय मंत्री ने दी ये जानकारी

केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सबसे बड़े पक्षकारों में शामिल है, जहां क्वांटम से जुड़ी सूचनाओं का संवर्द्धन महत्वपूर्ण होता है. उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत सूचनाओं का संवर्द्धन तेज होगा और इन्हें अधिक विश्वसनीय बनाया जा सकेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कदम से भारत छह देशों की साथ खड़ा हो गया है, जिनके पास इस तरह की क्षमता है. इन देशों में अमेरिका, कनाड़ा, फ्रांस, आस्ट्रिया, फिनलैंड और चीन शामिल है. उन्होंने बताया कि इसके महत्वपूर्ण पहलुओं में भारत के भीतर 2000 किलोमीटर की सीमा में जमीनी स्टेशनों के बीच उपग्रह आधारित सुरक्षित क्वांटम संचार व्यवस्था तैयार करना शामिल है.

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के उद्देश्य क्या है?

सरकारी बयान के अनुसार, यह तकनीक क्वांटम उपकरणों के निर्माण के लिए सुपरकंडक्टर्स, नवीन सेमीकंडक्टर संरचनाओं और सांस्थितिक (टोपोलॉजिकल) सामग्रियों आदि जैसी क्वांटम सामग्रियों के डिजाइन और संश्लेषण में भी सहायता करेगा. इसके तहत क्वांटम संचार और मौसम विज्ञान संबंधी अनुप्रयोगों के लिए एकल फोटॉन स्रोत विकसित किए जायेंगे. इसमें कहा गया है कि क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम संवेदी एवं मौसम विज्ञान और क्वांटम सामग्री एवं उपकरण के क्षेत्र में चार विषयगत केन्द्र स्थापित किये जायेंगे. ये केन्द्र मौलिक अनुसंधान के माध्यम से नए ज्ञान के सृजन पर ध्यान केन्द्रित करेंगे.

Samir Kumar
Samir Kumar
More than 15 years of professional experience in the field of media industry after M.A. in Journalism From MCRPV Noida in 2005

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