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Election Commission: मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम 99 फीसदी पूरा

निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर से दोहराते हुए कहा है कि एसआईआर ऑर्डर के अनुरूप, एक अगस्त 2025 को मतदाता सूची प्रकाशित की जायेगी. एक सितंबर तक कोई भी निर्वाचक या राजनैतिक दल नाम छूटने पर दावा या गलत नाम शामिल होने पर आपत्ति दर्ज करा उसे ठीक करा सकते हैं.

Election Commission:बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का काम जल्द पूरा होने वाला है. गुरुवार को चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़े मुताबिक मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण का काम बुधवार के मुकाबले एक फीसदी बढ़ा और यह काम 99 फीसदी पूरा हो गया है. आयोग के अनुसार 23 जुलाई तक 98.01 फीसदी मतदाता को जहां कवर किया जा चुका था, वहीं 24 जुलाई को यह आंकड़ा 99 फीसदी तक पहुंच चुका है. इस प्रक्रिया के दौरान 21.6 लाख ऐसे मतदाता मिले, जिनकी मौत हो चुकी है और 31.5 लाख मतदाता अपना स्थायी पता बदल चुके हैं. वहीं 7 लाख मतदाताओं के वोट एक से अधिक जगह पर है, जबकि एक लाख मतदाताओं का कोई पता नहीं चला है. 

बुधवार तक जहां 15 लाख मतदाताओं ने नामांकन फॉर्म जमा नहीं किया था, वहीं 24 जुलाई तक 7 लाख से कम मतदाताओं के फार्म अब तक आयोग को नहीं मिले हैं. चुनाव आयोग के अनुसार 7.21 करोड़ मतदाताओं (91.32 फीसदी) के फॉर्म मिल चुके है और इसका डिजिटलीकरण हो चुका है. इन सब मतदाताओं के नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल होंगे. बांकी फार्म भी बीएलओ और बीएलए की रिपोर्ट के साथ डिजिटाइज किया जा रहा है, ताकि दावा और आपत्ति के समय जांच करने में आसानी हो.

प्रवासी बिहारी अपना नाम करा सकते हैं शामिल 

चुनाव आयोग का कहना है कि ऐसे मतदाता जो बिहार से बाहर है और वे वहां के मतदाता नहीं है तो वे परिवार के सदस्य के जरिये अपना फॉर्म भरकर बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ) को सौंप सकते हैं. इसके अलावा ऐसे मतदाता अपना प्रिंटेड फॉर्म साइन करके बीएलओ के फोन पर व्हाट्सएप भी कर सकते हैं. गणना फॉर्म जमा करने वाले वोटर का नाम मतदाता सूची में शामिल होगा. 

चुनाव आयोग एक अगस्त 2025 को मतदाता सूची का प्रारूप जारी करेगा और अगर सूची में कोई भी गलती है तो कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल किसी भी मतदाता के नाम पर अपनी आपत्ति को एक सितंबर तक उस विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है. 

निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर से दोहराते हुए कहा है कि एसआईआर ऑर्डर के अनुरूप, एक अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जायेगी और सभी 12 राजनैतिक दलों को उसकी प्रिंटेड तथा डिजिटल कॉपी दी जायेगी. यह सूची वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी. एक सितंबर तक कोई भी निर्वाचक या राजनैतिक दल नाम छूटने पर दावा या गलत नाम शामिल होने पर आपत्ति दर्ज करा उसे ठीक करा सकते हैं.

विपक्ष का हमलावर रुख जारी

चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर विपक्ष हमलावर है. विपक्ष का आरोप है कि विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण कराने का फैसला गरीब मतदाताओं को मतदान से वंचित करने की कोशिश है. संसद में भी विपक्ष पिछले चार दिनों से इस मामले पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहा है. गुरुवार को भी दोनों सदनों में कामकाज विशेष पुनरीक्षण जांच आयोग के कारण नहीं हाे सका. हालांकि विपक्ष के सभी आरोपों को चुनाव आयोग खारिज कर चुका है. आयोग का कहना है कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का काम चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए किया जा रहा है.  

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