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Watch Video : इन गांवों में कोई अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता, वजह हैरान करने वाली

Watch Video : महाराष्ट्र के नासिक में जल संकट का वीडियो सामने आया है. यहां महिलाओं को पानी के लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है. जल संकट वाले गांव में लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं करना चाहते हैं. जानें यहां की महिलाओं ने क्या कहा? कुएं में उतरते हुए एक महिला का वीडियो वायरल होने के बाद पूरा इलाका चर्चा में हैं.

Watch Video : जल संकट के चलते महाराष्ट्र के नासिक के बोरीचिवाड़ी गांव की महिलाएं परेशान हैं. वे पानी के लिए कुएं में उतर रहीं हैं. इसका वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने जारी किया है. वीडियो में नजर आ रहा है कि बड़ा सा एक कुआं हैं. इसके किनारे कई महिलाएं खड़ीं हैं. वे रस्सी से बाल्टी को बांधकर कुएं में डाल रहीं हैं. हालांकि कुआं सूखा है लेकिन गड्ढों में पानी जमा है. इन गड्ढों से वे पानी निकाल रहीं हैं. देखें वीडियो

अपनी बेटियों की शादी बोरीचीबारी में करने से हिचकिचाते हैं लोग

द्रौपदा महाभाव का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें वह कुएं से नीचे उतर रही हैं. वह कहती हैं कि जब पानी होता भी है, तो वह इतना कम होता है कि बर्तन तक पानी नहीं पहुंच पाता. इसलिए उन्हें नीचे उतरना पड़ता है और अपने बर्तन को भरने के लिए छोटे कटोरे का इस्तेमाल करना पड़ता है. वह डरी हुई महसूस करती हैं, खासकर एक महिला के कुएं में गिरने और उसके दांत और अंग टूटने की खबर सुनने के बाद वह डरी रहतीं हैं. इन मुद्दों के कारण, दूसरे गांवों के परिवार अपनी बेटियों की शादी बोरीचीबारी में करने से हिचकिचाते हैं.

1.5 किलोमीटर पैदल चलकर पानी लातीं हैं महिलाएं

जल संकट को लेकर इंडिया टुडे ने एक खबर प्रकाशित की है. इसमें बताया गया है कि चिलचिलाती धूप में केवल एक घूंट पानी के लिए कई किलोमीटर चलना पड़ता है. नासिक जिले के पेठ तालुका में स्थित बोरीचीबारी गांव की महिलाओं को रोजाना संघर्ष करना पड़ता है. बोरीचीबारी कुंभले ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले छह गांवों में से एक है, जिसकी आबादी लगभग 4,000 है. गांव में हर गर्मियों में पानी की भारी कमी होती है. तीन स्थानीय कुएं पूरी तरह से सूख चुके हैं, जिससे ग्रामीणों को पास के कुंभले के एक कुएं से पानी लाने के लिए लगभग 1.5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है.

गांव की महिलाओं का कहना है कि वे अपना अधिकांश दिन पानी इकट्ठा करने में बिताती हैं. इससे घर की जिम्मेदारियां और बच्चों की देखभाल प्रभावित होती है. इससे न केवल शारीरिक थकावट होती है, बल्कि मानसिक तनाव भी होता है. कुएं से 1 किमी दूर स्थित कुंभार गांव की महिलाएं भी पानी के लिए लाइन में लगतीं हैं.

गांव के तीनों कुएं सूख गए

संगीता महानुभव बताती हैं कि वह पानी लाने के लिए हर सुबह और शाम दो घंटे पैदल चलती हैं. इस प्रयास के कारण अक्सर उनके पैरों में दर्द होता है और कभी-कभी वह बीमार भी पड़ जाती हैं. आस-पास कोई जल स्रोत न होने और गांव के तीनों कुएं सूख जाने के कारण, लोगों को कपड़े धोने के लिए दूर के तालाब में जाना पड़ता है. गांव के मुखिया के सामने इस मुद्दे को उठाने के बावजूद, उनका कहना है कि कुछ भी नहीं बदला है. एक अन्य निवासी तनु गावित का कहना है कि जब से वह शादी करके गांव में आई हैं, तब से यह समस्या बनी हुई है. वह पानी लाने के लिए दिन में दो बार 1.5 किलोमीटर पैदल चलती हैं.

Amitabh Kumar
Amitabh Kumar
डिजिटल जर्नलिज्म में 14 वर्षों से अधिक का अनुभव है. जर्नलिज्म की शुरूआत प्रभातखबर.कॉम से की. राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़. राजनीति,सामाजिक संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. ट्रेंडिंग खबरों पर फोकस.

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