Watch Video : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कथा वाचक प्रदीप मिश्रा मौजूद हैं. यहां 21 मार्च से वे शिव महापुराण की कथा सुना रहे हैं. 27 मार्च यानी गुरुवार तक यह शिव महापुराण की कथा चलेगी जिसे सुनने के लिए दूर–दूर से लोग पहुंच रहे हैं. इस वजह से यहां हलचल तेज है. यहां मौजूद मधेश्वर पहाड़ जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित है. इस पहाड़ को दुनिया का सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग कहलाने का गौरव प्राप्त है जिसे देखने दूसरे राज्य के लोग भी पहुंचते हैं. देखें ये खास वीडियो
मधेश्वर महादेव
— Anshuman Sharma (@anshuman_sunona) March 21, 2025
ऐसी मान्यता है कि जो लोग कैलाश मानसरोवर की यात्रा नहीं कर पाते वो लोग जशपुर जिले के कुनकुरी स्थित मधेश्वर महादेव के दर्शन कर सकते हैं।
इसे दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है।
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर के मयाली में आयोजित शिव महापुराण कथा के दौरान सुप्रसिद्ध कथावाचक श्री प्रदीप मिश्रा को विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग—मधेश्वर पहाड़ का फोटो फ्रेम भेंट किया. वे अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे थे.
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है शिवलिंग का नाम
प्राकृतिक शिवलिंग के पास पहुंचने पर एक सकारात्मक ऊर्जा का आभास होता है. खूबसूरती और इसके धार्मिक महत्व के कारण मधेश्वर पहाड़ को विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में मान्यता मिली है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह दी गई है. जशपुर जिले की पहचान में विश्व के इस प्राकृतिक शिवलिंग का खास स्थान है.सावन के महीने में यहां भगवान शिव के भक्तों का मेला लगा रहता है.