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World Bank ने गुजरात को दिया 35 करोड़ डॉलर का लोन, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएगी सरकार

विश्व बैंक ने गुजरात को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिये 35 करोड़ डॉलर (2,832 करोड़ रुपये से अधिक) के कर्ज को मंजूरी दी है. इसमें मुख्य रूप से किशोरियों और बीमारी की निगरानी पर होगा.

विश्व बैंक (World Bank) ने गुजरात को 350 मिलियन डॉलर (2,832 करोड़ रुपये से अधिक) के लोन को मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर इस्तेमाल करेगी. यह विशेष रूप से किशोर लड़कियों और रोग निगरानी पर खर्च किया जाएगा. वहीं विश्व बैंक के कंट्री डॉरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे का कहना है कि ‘यह कार्यक्रम पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाएगा, जबकि मानसिक स्वास्थ्य और उपशामक देखभाल जैसे नए लोगों तक पहुंच खोलने के राज्य के प्रयास का समर्थन करेगा, इस प्रकार गुजरात के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणामों में योगदान देगा.’

गुजरात के SRESTHA-G प्रोग्राम करेगी मदद

विश्व बैंक की वित्त पोषण शाखा, इंटरनेशनल बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) ने 5.5 साल की छूट अवधि के साथ 18 साल के लिए यह ऋण स्वीकृत किया. राज्य सरकार की सिस्टम रिफॉर्म एंडेवर्स फॉर ट्रांसफॉर्मेड हेल्थ अचीवमेंट इन गुजरात (SRESTHA-G) कार्यक्रम लोन के उपयोग की सुविधा प्रदान करेगा. यह लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा. बता दें कि गुजरात वर्तमान में अपने नागरिकों को सात प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है, जिनमें प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल और किशोर स्वास्थ्य, संचारी और गैर-संचारी रोग (एनसीडी) शामिल हैं.

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राज्य में 69% किशोर 69 लड़कियां एनीमिया से पीड़ित

विश्व बैंक के इस योगदान से राज्य को मानसिक स्वास्थ्य और उपशामक स्वास्थ्य सेवाओं जैसे क्षेत्रों में विस्तार करने में मदद मिलेगी. सरकार राज्य में गैर-संचारी सेवाओं को मजबूत करने का भी प्रयास करेगी. एक तरफ जहां प्रजनन, मातृ, नवजात, बच्चे और किशोर स्वास्थ्य सहित कई स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार कर राज्य सरकार ने बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन अब भी यहां 69% किशोर लड़कियां और 36% किशोर लड़के एनीमिया से पीड़ित हैं. इसके अलावा, राज्य की लगभग 10% ग्रामीण और 5% शहरी आबादी मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित है.

मानसिक रोगों पर विशेष रूप से ध्यान देगी सरकार

विश्व बैंक ने कहा कि SRESTHA-G 14 जिलों को प्राथमिकता के साथ किशोर लड़कियों और लड़कों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार पर विशेष ध्यान देगा, जहां 70% से अधिक किशोर लड़कियां एनीमिया से पीड़ित हैं. स्थानीय मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और सहायक नर्स दाइयों (एएनएम) भी अधिक प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जनसंख्या-आधारित स्क्रीनिंग प्रक्रिया का समर्थन करेंगे. राज्य गैर-संचारी रोगों के उच्च जोखिम वाले लोगों को अपने निर्धारित सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के पास जाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे बीमारी के प्रकोप का जल्द पता लगाने के लिए राज्य के निगरानी भवन की सुविधा भी होगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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