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40 Years of Prabhat Khabar : एनोस एक्का के पास थी 10 डिसमिल जमीन, मंत्री बनने के बाद 54.44 करोड़ की संपत्ति

40 Years of Prabhat Khabar : एनोस एक्का झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री थे और उनकी पत्नी मेनोन एक्का इसी विभाग में ठेकेदार थीं. उन्होंने अपनी कंपनी एक्का कंस्ट्रक्शन का निबंधन ग्रामीण विकास विभाग में 17 जून 2006 को कराया था. एनोस एक्का के पास सिर्फ 10 डिसमिल जमीन थी. अपनी नाजायज आमदनी को कानूनी रूप देने के लिए पत्नी को ठेकेदार बनाया, उसके बाद उनकी कंपनी एक्का कंस्ट्रक्शन को करोड़ों रुपए के काम मिलने लगे. फिर मेनोन एक्का ने जमीन खरीदनी शुरू की.

40 Years of Prabhat Khabar : झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का का नाम शायद ही कोई भूल पाया हो. आय से अधिक संपत्ति के मामले में जब उनका नाम सामने आया था और उनकी संपत्तियों का खुलासा हुआ था, तो सभी चौंक गए थे. एनोस एक्का ने अपनी पत्नी मेनोन एक्का के नाम पर रांची और इसके आसपास के इलाकों में करोड़ों की जमीन खरीदी थी. एनोस के दो करोड़ से अधिक के बंगले में आज के समय में ईडी का दफ्तर है, जिसे ईडी ने जब्त किया था. प्रभात खबर ने पूर्व मंत्री एनोस एक्का की कारगुजारियों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सीरीज के रूप में प्रकाशित की थी. एनोस एक्का पर एक पारा टीचर की हत्या का भी आरोप लगा था, जिसमें उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. एनोस एक्का ने जो जमीन खरीदी वो सब उनकी पत्नी के नाम पर थी, पढ़िए चार जुलाई 2008 को प्रभात खबर में प्रकाशित यह विशेष रिपोर्ट.

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का की पत्नी मेनोन एक्का ने रांची जिले में काफी जमीन खरीदी है. पर, हम सिर्फ उतनी ही जमीन का ब्योरा प्रकाशित कर रहे हैं, जिनके दस्तावेज हमारे पास हैं. उनकी संपत्ति की कीमत जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों से ली गई सूचनाओं के आधार पर लगाई गई है. खुद मंत्री स्वीकार करते हैं कि उनकी पत्नी की संपत्ति की कीमत 50 करोड़ रुपए नहीं है, बल्कि इससे कम है. पर, सही कीमत बताने से कतराते हैं. वे यह कहते नहीं थकते कि उन्होंने झारखंड का पैसा झारखंड में ही लगाया है.

एनोस की पत्नी के पास 54.44 करोड़ की जमीन

Enos Elkka
अखबार में प्रकाशित खबर

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का के पास रांची के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 28.29 एकड़ जमीन है. मेनोन एक्का की यह ज्ञात संपत्ति है. अज्ञात संपत्ति के ब्योरे-चर्चे तो काफी हैं, पर जो दस्तावेज हमारे पास उपलब्ध है उसके मुताबिक बाजार दर पर इतनी जमीन की कीमत 54.44 करोड़ रुपए होती है. सिर्फ दो वर्षों में मेनोन एक्का ने वह संपत्ति अर्जित की है. वह ग्रामीण विकास विभाग में निबंधित ठेकेदार हैं और उनके पति एनोस एक्का इसी विभाग के मंत्री हैं. उन्होंने 17 जून 2006 को ग्रामीण विकास विभाग में निबंधन कराया था. जनवरी 2005 तक उनके पास सिर्फ 10 डिसमिल जमीन थी.

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पति मंत्री, पत्नी ठेकेदार

एनोस एक्का ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री थे और उनकी पत्नी मेनोन एक्का इसी विभाग में ठेकेदार थीं. उन्होंने अपनी कंपनी एक्का कंस्ट्रक्शन का निबंधन ग्रामीण विकास विभाग में 17 जून 2006 को कराया था. एनोस एक्का के पास सिर्फ 10 डिसमिल जमीन थी. अपनी नाजायज आमदनी को कानूनी रूप देने के लिए पत्नी को ठेकेदार बनाया, उसके बाद उनकी कंपनी एक्का कंस्ट्रक्शन को करोड़ों रुपए के काम मिलने लगे. फिर मेनोन एक्का ने जमीन खरीदनी शुरू की.

ओरमांझी की जमीन एक लाख रुपए डिसमिल

मेनोन एक्का रांची के ग्रामीण क्षेत्र में कुल 23.39 एकड़ जमीन खरीद चुकी हैं. ओरमांझी थाना क्षेत्र के जिन इलाकों में जमीन खरीदी है, उन इलाकों में एक लाख रुपए प्रति डिसमिल के हिसाब से जमीन बिक रही है. बाजार में प्रचलित इस दर पर ओरमांझी में उनकी संपत्ति की कीमत 23.39 करोड़ रुपए बताई जाती है. अधिकतर प्लाॅट नेशनल हाइवे के सामने है. कई प्लाॅट तो आदिवासियों से लिए गए हैं. मेनोन एक्का ने शहरी क्षेत्र कोकर, डोरंडा, सिरमटोली आदि जगहों पर पर कुल 4.90 एकड़ जमीन खरीदी है. बाजार दर पर इस जमीन की कीमत 31.05 करोड़ रुपए आंकी जा रही है. 

पैसे झारखंड में ही लगा रहा हूं: एनोस एक्का

सवाल : रांची शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर आपकी पत्नी के नाम पर 50 एकड़ से अधिक जमीन है?

जवाब: 50 एकड़ नहीं है. जमीन खरीदी जरूर हैं, लेकिन कुछ लीज भी ली है. उसको आदमी अपना फायदा देखकर ले लेता है. हम भी वही किए हैं. एयरपोर्ट रोड में भी जमीन ली है. 80 लाख रुपए लोन लिए हैं. वहां पांच-छह कट्ठा पर मेरा घर बन रहा है. बस हमारी जमीन और कहीं नहीं है.वर्द्धमान कंपाउंड में भी जमीन नहीं है.

सवाल : आप पर जबरन जमीन कब्जा करने का भी आरोप है?

अगर कोई ऐसा कहता है तो चैलेंज करते हैं, अगर कोई प्रमाण दे देगा, किसी को खड़ा कर देगा, तो हम उसकी गुलामी करेंगे. देखिए, हम कभी जमीन कब्जा कराने कहीं गए थी नहीं हैं. पेपर में सब झूठ आता है.

सवाल : आपने नेवरी और नामकोम में कितनी जमीन ली है?

जवाब: नेवरी में नहीं है, नामकोम में भी कोई जमीन नहीं है. सिरमटोली में व ओरमांझी में मैंने स्वीकार किया है. हिनू में भी स्वीकारा है और कहीं जमीन नहीं है.

सवाल :एयरपोर्ट रोड में नहीं?

जवाब : एयरपोर्ट रोड में पांच-छह कट्ठा होगा, जो आदिवासी जमीन है. बहुत सस्ते में दिया है. उसके लिए हम लोन भी लिए. 80 लाख रुपए लोन लिए हैं.

सवाल : किस बैंक से लोन लिया है?

जवाब : बैंक है.. यूनियन बैंक से लोन होगा.

सवाल : क्या आपने लोन लेकर ही इतनी जमीन खरीदी है. हर जगह खरीद के लिए आपने लोन लिया है?

जवाब : देखिए. आप लोग को पता रहना चाहिए कि मेरा एक्का कंस्ट्रक्शन शुरू से चलता है. उसमें मेरा टर्नओवर भी देखा जाना चाहिए और हम लोन नहीं मांग सकते हैं क्या. आदमी रिस्क लेता है, तो लोन भी लेता है. हम 40 लाख रुपए लिए थे. देखिए. हम साफ दिल के आदमी हैं, कुछ नहीन छिपाते हैं. हम पार्टनरशिप भी किए हैं. दो-तीन दोस्त लोग के साथ पार्टनरशिप है.

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Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

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