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Baba Siddique Murder: तो क्या गैंगस्टर तैयार कर रहे नो क्रिमिनल हिस्ट्री वाले शूटर?

Baba Siddique Murder: अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को मुंबई में तीन लोगों ने गोली मारकर हत्याकर दी थी. इसमें दो शूटर यूपी और एक हरियाणा का बताया जा रहा है. पुलिस को इनकी क्राइम हिस्ट्री नहीं मिली है. हत्या का तरीका यूपी के अतीक-अशरफ और संजीव माहेश्वरी जीवा की हत्या से मिलता जुलता नजर आ रहा है.

Baba Siddique Murder: नामी लोगों के मर्डर में अपराधियों की जगह बिना क्रिमिनल हिस्ट्री वाले युवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुंबई में बाबा सिद्दीकी के मर्डर करने वाले शूटर्स की शुरुआती जांच में कुछ ऐसा ही सामने आया है. इनकी अभी तक कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं मिली है. बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाले तीन शूटर में से दो यूपी के हैं. इनमें से एक शिवकुमार और दूसरा धर्मराज है. धर्मराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि शिवकुमार फरार है. बहराइच के कैसरगंज थाना क्षेत्र के दोनों ही शूटर रहने वाले हैं. इनकी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं मिली है. शुरुआती जांच में पता चला है कि ये दोनों पुणे मजदूरी करने गए थे. वहां जाकर शूटर कैसे बन गए, इसका पता मुंबई और यूपी पुलिस लगा रही है.

माफिया अतीक और अशरफ हत्याकांड

कम समय में बड़ी वारदात करके क्राइम वर्ल्ड में नाम कमाने की हसरत रखने वाले युवा पुलिस की गले की हड्डी बन गए हैं. इन युवाओं की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं मिल रही है, लेकिन जब ये बड़ी वारदात करते हैं तो अचानक अपराध जगत में इनकी चर्चा शुरू हो जाती है. यूपी के बड़े माफ़िया भाइयों अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या करने वाले दोनों युवाओं की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं मिली है. लेकिन उन्होंने शातिर तरीके से 15 अप्रैल 2023 को ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर अतीक और अशरफ की हत्याकर दी थी. पुलिस कस्टडी में होने के बावजूद इस हत्याकांड को लेकर यूपी सरकार की काफी फजीहत हुई थी. पुलिस ने दोनों शूटर को मौके से गिरफ्तार किया था, लेकिन उनके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं उपलब्ध करा पायी थी. कई महीनों तक चली जांच में भी दोनों शूटर की कोई क्राइम हिस्ट्री नहीं मिली थी.

संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड

यूपी में अतीक-अशरफ की प्रयागराज मेडिकल कॉलेज परिसर में हत्या के लगभग दो महीने बाद ही कोर्ट परिसर में एक सनसनीखेज हत्याकांड हुआ था. इसमें संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को 7 जून 2023 को लखनऊ के कोर्ट में विजय यादव ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी. संजीव हमेशा बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर पेशी पर आता था. लेकिन 7 जून को उसने बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पहनी थी. संजीव का हत्यारा विजय यादव वकील की ड्रेस में था. कोर्ट रूम में अचानक उसने पिस्टल से गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं. गोलियां इतनी नजदीक से मारी गई थीं कि संजीव के शरीर के आरपार हो गईं और वहां मौजूद अन्य लोगों को भी लगीं. इस हत्याकांड के बाद विजय यादव को मौके पर ही पकड़ लिया गया और मारापीटा गया. पूछताछ में विजय यादव ने बताया कि वो संजीव उर्फ जीवा को मारने आया था, उसे मार दिया. बाद में पुलिस ने विजय यादव की क्रिमिनल हिस्ट्री तलाशी तो वो जौनपुर के केराकत में सुल्तानपुर गांव का रहने वाला निकला. परिवारीजनों ने बताया कि वो घर से कई दिनों से लापता था और उसका मोबाइल फोन भी बंद था.

एक पॉक्सो और एक कोविड प्रोटोकाल उल्लंघन का मुकदमा

अतीक-अशरफ के हत्यारों की तरह ही विजय यादव की कोई क्राइम हिस्ट्री नहीं थी. वो जौनपुर से बीकॉम करने के बाद मुंबई नौकरी करने चला गया था. हत्याकांड के दो महीने पहले ही नौकरी छोड़कर घर आ गया था. इसके बाद लखनऊ में पाइप कंपनी में काम करने लगा था. उस पर 2016 में एक पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसमें वो छह माह तक जेल में रहा था. इसके अलावा एक मुकदमा कोविड काल के दौरान प्रोटोकॉल उल्लंघन में दर्ज हुआ था. इसके अलावा विजय यादव की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं मिली थी. पुलिस की पूछताछ में पता चला था कि उसे नेपाल के किसी असलम ने संजीव उर्फ जीवा को मारने की 20 लाख रुपये में सुपारी दी थी.

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Amit Yadav
Amit Yadav
UP Head (Asst. Editor)

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