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Israel Iran War: क्या है ईरान की जामकरन मस्जिद पर लहरा रहे लाल झंडे का रहस्य, होगी इजरायल की तबाही!

Israel Iran War: इजरायल ईरान के बीच जंग की शुरुआत हो चुकी है. इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत ईरान पर हमला किया. वहीं ईरान ने जवाब में 'ऑपरेशन टू प्रॉमिस थ्री' चलाते हुए 150 से अधिक मिसाइल तेल अवीव शहर पर बैलिस्टिक मिसाल से हमला कर दिया है. दोनों पक्षों को इसमें भारी नुकसान हुआ है.

Israel Iran War: ईरान पर इजरायल के हमले के बाद तेहरान के कोम शहर की जामकरन मस्जिद पर लाल रंग का झंडा फहराया गया था. ये झंडा कर्बला में इमाम हुसैन की शहादत का प्रतीक है. ईरानी परंपरा में ये झंडा शोक और बदला दोनों का प्रतीक माना जाता है. इजरायल ने जब ईरान पर हमला किया तो जामकरन मस्जिद के बाहर हजारों लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई और इजरायल को खत्म करने के नारे लगाने लगी थी. जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा लहराने का अर्थ इजरायल से बदला लेना है. ईरान के प्रमुख अयातुल्ला खोमनेई इजरायल को हमले का जवाब देने से इसकी पुष्टि भी हो गई है.

क्यों खास है ईरान की जामकरन मस्जिद

ईरान के कोम शहर में जामकरन मस्जिद (Masjid-e-Jamkaran) है. कोम ईरान का सातवां बड़ा शहर है. यह मस्जिद शिया मुसलमानों का एक महत्वपूर्ण इबादतगाह है. खूबसूरत वास्तुकला इस मस्जिद की खासियत है. नीले हरे रंग के गुंबद और मीनारें इसे बेहद खूबसूरत बनाते हैं. इसे 12वें इमाम महदी से जुड़ा माना जाता है. इस मस्जिद का निर्माण 393 हिजरी (1003 ईस्वी) में हसन बिन मस्लह ने इमाज महदी के आदेश पर बनवाया था. इमाम महदी जो कि विश्व में शांति लाने वाले मसीहा के रूप में जाने जाते हैं, उन्होंने हसन बिन मुथलिह जामकरनी को सपने में इस मस्जिद को बनाने का आदेश दिया था. इस मस्जिद में कुरान की आयतें लिखे कमरे हैं. यहां इबादत के अलावा सामुदायिक गतिविधियां, धार्मिक शिक्षा, जरूरतमंदों की मदद, सप्ताह में एक बार मंगलवार को मुफ्त भोजन दिया जाता है. मान्यता है कि इमाम महदी हर मंगलवार की रात को मस्जिद में मौजूद रहते हैं. इस दिन यहां हजारों लोग प्रार्थना, अर्जी व मन्नतों की पर्चियां भी लिखकर पेश करते हैं.

शोक और बदले का प्रतीक है लाल झंडा

जामकरन मस्जिदपर लाल झंडा आमतौर पर मुहर्रम के दौरान फहराया जाता है. मुहर्रम हजरत अली की कर्बला की जंग में शहादत की दु:खद याद के तौर पर मनाया जाता है. लेकिन कई ऐसे मौके भी आए जब मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया. जामकरन मस्जिद पर जनवरी 2020 में पहली बार हाल झंडा इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IGRC) के कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद फहराया गया था. सुलेमानी को इराक में अमेरिका ने ड्रोन हमले में मार गिराया था. अप्रैल 2024 में इजरायल के खिलाफ ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद भी लाल झंडा फहराया गया था. इसके बाद हमास नेता इस्माइल हानिये की 31 जुलाई 2024 को तेहरान में मौत के बाद भी जामकरन मस्जिद में लाल झंडा फहराया गया था.

ईरान ने इजरायल पर बोला हमला

ईरान के इजरायल के हमले का जवाब उसके तेल अवीव और येरुशलम शहरों पर सैकड़ों मिसाइल दागकर किया है. लगभग 150 मिसाइलें इजरायल के दो शहरों का निशाना बनाकर छोड़ी गई. जवाब में इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम एक्टीवेट हुआ और काफी हद तक ईरान की मिसाइलों को हवा में ही इंटरसेप्ट कर लिया गया. इसके बावजूदर्ग्जनों मिसाइल तेल अवीव शहर में गिरी. जिससे वहां भारी तबाही मच गई. ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस हमले में इजरायली रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया गया है. इस हमले में कई नागरिकों की मौत और 43 के घायल होने की सूचना है.

इजरायल ने कहां-कहां किए हमले

इजरायल ने शुक्रवार रात को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान के आधा दर्जन परमाणु और मिलिट्री ठिकानों पर हमला किया. पहले ड्रोन से ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम् को तबाह किया गया. इसके बाद इजरायली फाइटर जेट ईरान में घुस गए और अपने टारगेट पर हमला किया. इस हमले में ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिकों और आर्मी के 20 अधिकारियों सहित सामन्य नागरिकों के मारे जानें की जानकारी सामने आई है.

  • तेहरान: ईरान की राजधानी तेहरान पर हमला करके इजरायल ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि उसके इरादे क्या हैं. तेहरान में ईरान के प्रमुख नेता अयातुल्ला खामनेई रहते हैं. इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IGRC) से लेकर कई महत्वपूर्ण अधिकारी यहां रहते हैं.
  • नतांज: यहां ईरान का परमाणु फैसिलिटी सेंटर है. यह शहर तेहरान से 250 किलोमीटर दूर है. इजरायल का दावा है कि यहां 9 परमाणु बम बनाने लायक प्लूटोनियम मौजूद है. ये सेंटर जमीन के अंदर और बेहद मोटी दीवारों के अंदर है. हालांकि दावा है कि इसे भी इजरायली हमले से नुकसान पहुंचा है.
  • अराक: ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मुख्य केंद्र है. यहां हैवी वाटर रिएक्टर है. इससे परमाणु हथियार बनाया जा सकता है. इसीलिए इजरायल ने यहां भी अटैक किया है.
  • इस्फहान: यहां परमाणु फैसिलिटी सेंटर और एयर बेस दोनों हैं. इसके अलावा हथियार बनाने की फैक्ट्री भी हैं. यहां कच्चे यूरेनियम को गैस में बदला जाता है. यहां हमले से ईरान की ताकत को कम करने का प्रयास है.
  • करमनशाह: ये जगह इराक सीमा के पास है. अक्टूबर 2024 में ईरान ने इजरायल पर इसी बेस से हमले किए थे. इजरायल ने इसे जगह को इसीलिए टारगेट किया, जिससे यहां से हमले न हो पाएं. यहां यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी सेंटर भी है.
  • तबरीज: यहां बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन बनाए जाते हैं. आर्मी का बेस कैंप है. इसके अलावा IGRC का भी यहां सेंटर है. तुर्की और अर्मेनिया की सीमा पर स्थित ये शहर अजरबैजान राज्य की राजधानी है. ईरान के जवाबी हमले की ताकत को कमजोर करने के लिए यहां हमले किए गए.

पढ़ें प्रभात खबर प्रीमियम स्टोरी:Israel Iran Conflict: दोस्त से दुश्मन कैसे बन गए इजरायल और ईरान, क्यों जारी है प्रॉक्सी वॉर

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Amit Yadav
Amit Yadav
UP Head (Asst. Editor)

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