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Operation Sindoor: आधी रात को जैश ए मोहम्मद और लश्कर एक तैयबा के ठिकानों को तबाह भारतीय सेना ने सटीक तरीक से तबाह कर दिया. इस अभियान को राफेल एयरक्राफ्ट, ब्रह्मोस, स्कैल्प क्रूज मिसाइल, हैमर प्रिसिजन बम और लोइटरिंग म्यूनिशन की मदद से सफल बनाया गया. फ्रांस के राफेल और स्कैल्प मिसाइल (SCALP-EG) ने भारतीय एयर स्पेस से ही अपने लक्ष्य को भेद दिया. इन आधुनिक हथियारों को पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम भी रोक नहीं पाया. इस एयर डिफेंस सिस्टम को पाकिस्तान ने चीन की मदद से तैनात किया है.
स्कैल्प (SCALP-EG) मिसाइल
- स्कैल्प (SCALP-EG) मिसाइल लंबी दूरी की एयर टू सरफेस अटैक श्रेणी का हथियार है. इसे राफेल एयरक्राफ्ट के साथ खरीदा गया है. सभी राफेल में इसे लगाया है. आइये जानते हैं इसके बारे में.
- रेंज 300 किलोमीटर है.
- 5 मीटर लंबी, 1300 किलोग्राम वजन
- स्पीड लगभग 1000 किलोमीटर प्रति घंटा
- जीपीएस और नेविगेशन सिस्टम से लैस
- इंफ्रारेड सीकर अंतिम समय पर भी लक्ष्य बदलना संभव
- 100 से 130 फीट की नीची उड़ान के कारण रडार से बचने में सक्षम, स्टील्थ कोटिंग
हैमर प्रिसिजन बम
हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज) बम से मजबूत ढांचों जैसे बंकर आदि को नेस्तनाबूद किया जाता है. ये ग्लाइड करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंता है और उसे नष्ट कर देता है. हैमर प्रिसिजन बम की खासियत इसमें लगे जीपीएस, इंफ्रारेड और लेजर है. जो सटीक तरीके से लक्ष्य भेदने में मदद करते हैं. हैमर की रेंज 50 से 70 किलोमीटर है.
लोइटरिंग म्यूनिशन (Loitering Munitions)
लक्ष्य पर निगरानी रखने, उसे फिक्स करने और अंतिम वार के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल किया गया. इसे ‘कामिकाजे ड्रोन’ भी कहा जाता है. ये अपने टारगेट के ऊपर मंडराते रहते हैं. सही लक्ष्य दिखने और कमांड मिलने पर उसे तबाह कर देते हैं. ये आत्मघाती श्रेणी के हथियार होते हैं.
करोड़ों रुपये है कीमत
एक स्कैल्प मिसाइल की कीमत लगभग 8.5 करोड़ रुपये है. वहीं हैमर की कीमत 85 लाख रुपये बतायी जा रही है. हैमर बम की कीमत उसके आकार और क्षमता के अनुसार बढ़ जाती है. वहीं लोइटरिंग म्यूनिशन की कीमत 8.5 लाख रुपये बतायी जा रही है.
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