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Sunita Williams News:
अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला उतनी सौभाग्यशाली नहीं थी, जितनी सुनीता विलियम्स हैं. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपना दूसरा मिशन पूरा करके धरती पर लौटते समय स्पेस शटल में आग लग जाने के कारण उनकी मौत हो गई थी. वो दिन था 1 फरवरी 2003. इस हादसे में कल्पना चावला के अलावा छह अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की भी मौत हो गई थी. लेकिन 2003 से 2025 तक 22 साल के दौरान स्पेस साइंस में अच्छी खासी तरक्की हुई. नासा ने भी 1986 और 2003 में हुई दुर्घटनाओं की जांच के नतीजों को परखा. उनसे सीख ली और तकनीक दिक्कतों वाले स्टारलाइनर को बिना क्रू के ही धरती पर वापस बुला लिया. इसके बाद स्पेसएक्स ड्रैगन से सुनीता विलियम्स और उनके साथी बूच विल्मोर नौ महीने बाद अंतरिक्ष स्टेशन से वापस धरती पर लौट आए.
कोलंबिया स्पेस शटल की वो 28वीं उड़ान थी
कल्पना चावला जिस कोलंबिया स्पेस शटल से स्पेस स्टेशन गई थी, उसे इस तरह डिजाइन किया गया था कि वो कई उपयोग किया जा सके. यही कारण था कि 16 जनवरी 2003 को जब कोलंबिया स्पेस शटल कल्पना चावला सहित अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेस स्टेशन गया, तब वो उसकी 28वीं उड़ान थी. इससे पहले स्पेश शटल 27 साल उड़ानें पूरी कर चुका था. कल्पना चावला ने जिस हादसे में जान गंवाई, उसकी जांच में पता चला कि स्पेस शटल कोलंबिया के टेकऑफ के समय ही इंसुलेटेड फोम का टुकड़ा उसके बाएं पंख से टकरा गया था. इससे शटल की उन टाइलों को नुकसान पहुंचा था, जो वायुमंडल में प्रवेश करते समय पैदा होने वाले घर्षण की गर्मी से बचाता है. लेकिन कोलंबिया वापस धरती के वायुमंडल में लौटा तो घर्षण से उसमें आग लग गई. क्योंकि डैमेज टाइल उसे गर्मी से बचा नहीं पाई थी. दुर्भाग्य की बात ये थी कि जिस समय ये दुर्घटना हुई, उसके 12 मिनट बाद कोलंबिया को लैंड करना था.
1997 में पहले अंतरिक्ष मिशन पर गईं
कल्पना चावला मात्र 35 साल की उम्र में अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला बनी थी. उन्होंने अंतरिक्ष में 376 घंटे बिताए थे. पंजाब की रहने वाली कल्पना चावला ने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था. इसके बाद अमेरिका से एयरोस्पेस इंजीनियरिग में डिग्री ली. टेक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने पीएचडी भी इसी विषय से की. 1991 में उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिली, इसी साल उन्हें नासा ने अपने अंतरिक्ष मिशन से जोड़ा था. 19 नवंबर 1997 को वो पहले अंतरिक्ष मिशन पर गई थीं.
1986 में स्पेस शटल चैलेंजर हुआ था दुर्घटनाग्रस्त
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के स्पेस स्टेशन से वापस लौटने के बाद कई अन्य पुरानी दुर्घटनाओं की चर्चा शुरू हो गई है. 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले भी एक हादसा हुआ था. 28 जनवरी 1986 को चैलेंजर स्पेस शटल भी दुर्घटना का शिकार हुआ था. इससे उसमें सवार 14 लोगों की मौत हो गई थी. इन दो पुराने हादसों को संज्ञान में लेते हुए नासा ने ये फैसला किया था कि बोइंग स्टारलाइन को बिना अंतरिक्ष यात्रियों के वापस लाया जाए. जिससे किसी तरह की जनहानि न हो. नासा ने एक मत से स्पेसएक्स के स्पेसक्राफ्ट से सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को धरती पर वापस लाने की सहमति दी थी.
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