Guru Purnima 2025: इस वर्ष गुरु पूर्णिमा का पर्व 10 जुलाई को मनाया जा रहा है. इसी दिन आषाढ़ पूर्णिमा भी है, जिसे आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. खगोलीय रूप से यह पूर्णिमा खास इसलिए है क्योंकि इसे ‘बक मून’ कहा जाता है – एक नाम जो उत्तर अमेरिका की कुछ जनजातियों की परंपरा से जुड़ा है. उनका मानना है कि जुलाई माह में हिरणों के नए सींग (Buck Antlers) निकलते हैं, इसलिए यह नाम दिया गया है. भारत में यह दिन केवल चंद्र दर्शन तक सीमित नहीं है. यह वही तिथि है जब भगवान बुद्ध ने सारनाथ के मृगदाव (Deer Park) में अपना पहला उपदेश दिया था, जिसे बौद्ध परंपरा में धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाया जाता है. ज्योतिषीय दृष्टि से, इस बार की पूर्णिमा मकर राशि के दूसरे चरण में आ रही है. इसका प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग रूप में पड़ेगा.
राशियों पर असर
- मेष: करियर में बड़ी सफलता, स्थान परिवर्तन के योग
- वृषभ: आत्मिक जागरण और करियर में नई दिशा
- मिथुन: रिश्तों की परख और वित्तीय स्थिति पर ध्यान
- कर्क: संबंधों में गहराई, विवाह या संतान के योग
- सिंह: स्वास्थ्य और जीवनशैली में बदलाव
- कन्या: कार्य-संतोष और भावनात्मक संतुलन
- तुला: रिश्तों में स्थिरता और पारिवारिक समझौते
- वृश्चिक: करियर और संवाद में स्पष्टता
- धनु: आत्म-मूल्य की पहचान, इनकम के नए स्रोत
- मकर: व्यक्तिगत पहचान और पारिवारिक जिम्मेदारी
- कुंभ: मानसिक रीसेट और करियर बदलाव
- मीन: सपनों की ओर कदम, टीमवर्क में सफलता
यह पूर्णिमा आत्मविश्लेषण, संबंधों की गहराई और भविष्य की दिशा तय करने का उत्तम समय है. हर राशि को यह अवसर कुछ नया सिखा सकता है – बस जरूरत है खुले मन और आत्ममंथन की.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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