Shani Vakri July 2025: बीते 13 जुलाई से लेकर 28 नवंबर 2025 तक शनि देव मीन राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे। इस अवधि में यदि आपकी चंद्र राशि कुंभ (Aquarius), मीन (Pisces) या मेष (Aries) है, तो आपको विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। खासतौर पर वे लोग जो साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव में हैं, उनके लिए यह समय मानसिक और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
वक्री शनि का मतलब क्या है?
जब कोई ग्रह वक्री होता है, तो इसका अर्थ यह नहीं कि वह उल्टी दिशा में चल रहा है, बल्कि पृथ्वी से देखने पर वह पीछे की ओर गति करता हुआ प्रतीत होता है. शनि को कर्म का कारक ग्रह माना गया है और जब वह वक्री होता है, तो यह हमारे पुराने कार्यों और संबंधों की परीक्षा लेता है.
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कौन-सी समस्याएं हो सकती हैं?
- मानसिक तनाव और उलझनें
- कार्यों में बार-बार देरी
- पुराने संबंधों की समस्याएं फिर से सामने आना
- जीवन में ठहराव और दिशाहीनता का अहसास
क्या करें इस समय?
- धैर्य और आत्मबल बनाए रखें: यह समय हमें भीतर से मजबूत बनने का अवसर देता है.
- जल्दबाज़ी में निर्णय न लें: सोच-समझकर फैसले लें.
- अकेलेपन को आत्मचिंतन में बदलें: यह समय खुद को जानने और सुधारने का है.
- जर्नलिंग करें: मीन राशि वाले विशेष रूप से भावुक होते हैं, इसलिए अपनी भावनाओं को डायरी में व्यक्त करना राहत दे सकता है.
- ध्यान और मंत्र जाप करें: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप लाभकारी होगा.
क्या टालें?
- करियर या रिश्तों से जुड़े बड़े निर्णय
- भावनात्मक आवेश में कोई प्रतिक्रिया
- यह वक्री अवधि आपके आत्मचिंतन और आत्मविकास का अवसर बन सकती है, यदि आप इसे सही दृष्टिकोण और संयम के साथ स्वीकार करें.
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