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जवइनिया में कटाव से दर्जनों घर व विशालकाय पेड़ गंगा में विलीन

जवइनिया में कटाव से दर्जनों घर व विशालकाय पेड़ गंगा में विलीन

आरा/शाहपुर

. मोक्षदायिनी गंगा नदी में जवइनिया गांव के समीप भारी कटाव व गंगा नदी का रौद्र रूप ग्रामीणों पर भारी पड़ने लगा है. अब लोगों में चर्चा है कि कहीं गांव इतिहास न बन जाये. गंगा नदी की तेज लहरें पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी लोगों के घरों को जलप्लावित करती जा रही हैं. गांव के लोगों का मकान उनकी जीवन की पूंजी उनके आंखों के सामने गंगा के पानी में समाता जा रहा है. दिन-रात लोगों में एक अनकही भय का माहौल है.

लोग रात भर रतजगा कर रहे हैं. जैसे ही तेज आवाज होती है, लोगों का रूह कांप उठता है. गंगा के जल में लगातार वृद्धि से जवइनिया गांव के समीप कटाव से प्रभावित करीब सौ परिवार घरों को खाली कर अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं. जबकि करीब दो दर्जन परिवारों का घर कटाव की चपेट में आने से गंगा नदी में विलीन हो चुके हैं. रुआंसे आवाज में कटाव पीड़ितों ने कहा “केहू कई दिन खिआई, दू-चार दिन ”” बस हमनी के रहे के इंतजाम कर दिही जा साहेब लोग “. वहीं गंगा नदी के कटाव में करीब डेढ़ दर्जन घर विलीन होने के कगार पर हैं. जबकि गांव का बचा हुआ लगभग आधा हिस्सा कब इसके चपेट में आ जाये कहां नहीं जा सकता है. कुछ लोग जो गांव में रह गये हैं, वह अपने खाली घरों के निगरानी कर रहे हैं. मिट्टी के कटाव को रोकथाम के लिए पेड़ पौधे लगाये गये थे, लेकिन बड़े-बड़े पेड़ पौधे भी कटाव को नहीं रोक पाये और कई पेड़ पौधे कटाव के भेद चढ़ गये. गंगा नदी के किनारों से लगे सभी घर खाली हो चुके हैं और उनमें रहने वाले घरों के सारे सामान जो कुछ निकल सकता है, उसे निकल चुके हैं.

अपने ही हाथों जेसीबी लगाकर ग्रामीण तोड़ रहे मकानजेसीबी से मकानों को तोड़कर लोग अपने घरों से सामान लगातार निकाल रहे हैं. पिछले एक सप्ताह से प्रत्येक दिन दर्जन भर ट्रैक्टर व पिकअप लगातार घरों के सामान ढोने में लगे हुए हैं. एक बुजुर्ग ने कहा कि अब तो गांव से मकान के रूप में रहा नामोनिशान भी मिट गया. जिन घरों में बच्चे पैदा हुए पले बड़े हुए, उनके शादी ब्याह हुए, आज वह घर भी गंगा नदी में विलीन हो गया. हरिकिशुन यादव, ललन यादव, झकड चौधरी, दीपक चौधरी सहित 19 लोगों घर विलीन हो गया है. बता दें कि पिछले वर्ष भी गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि होने से जवइनिया गांव में कटाव से 64 परिवारों का घर गंगा नदी में विलीन हो चुका था. मुख्यमंत्री के प्रगति यात्रा के दौरान 59 परिवारों को एक लाख 20 हजार की राशि पीड़ित परिवारों को दी गयी थी. प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा राहत कार्य व सामुदायिक रसोईबीडीओ शत्रुंजय कुमार सिंह व सीओ रश्मि सागर ने बताया कि प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य लगातार किया जा रहा है. एसडीआरएफ की टीम अलर्ट मोड़ पर है. गंगानदी के तटीय इलाकों से लोगो सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. पीड़ित परिवारों के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा गांव के ही सामुदायिक भवन में सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा है. जिसमें सैकड़ो की संख्या में प्रभावित लोग भोजन कर रहे हैं. प्रशासन का दावा है की प्रभावित परिवारों के लिए जरूरत पड़ने पर ज्यादा से ज्यादा सामुदायिक रसोई चलाया जाएगा. बाढ़ से प्रभावित हुए पंचायत, सड़कों पर चढ़ा बाढ़ का पानीगंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण प्रखंड के दियारांचल क्षेत्र का लगभग 80 प्रतिशत भाग जलमग्न हो चुका है. खड़ी फसलों में भी बाढ़ का पानी घुस चुका है. प्रखंड के दामोदरपुर, लक्षुटोला, गौरा, लालू के डेरा, बहोरनपुर, हरिहरपुर, बरिसवन, सुहिया पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. वहीं करजा-चारघाट, गौरा-चनऊर, करजा टोला, चमरपुर-बहोरनपुर, गौरा-गोबिंदपुर, सुरेमनपुर-लक्षुटोला पथ पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. वहीं दामोदरपुर गांव के लगभग सभी रास्ते मुख्य सड़क को छोड़कर प्रभावित हो चुका है, जिससे यातायात प्रभावित हो गया है. कई स्कूलों तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है.

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