आरा.
अपने ज्वलंत मुद्दों को लेकर बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, भोजपुर जिला शाखा द्वारा जिला मंत्री सुबेश सिंह के नेतृत्व में सिविल सर्जन का घेराव कर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया गया. चिकित्सा संघ के राज्य कार्यकारिणी के निर्णयानुसार सैकड़ों की संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी बीस सूत्री मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष पहुंचे. इस अवसर पर आयोजित सभा की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष बिनोद यादव ने की. सभा को संबोधित करते हुए जिला मंत्री सुबेश सिंह ने कहा कि आज राज्य का स्वास्थ्य कर्मी विशेष रूप से महिला कर्मी सरकार के गलत निर्णयों का शिकार बनते जा रही हैं. जीएनएम व एएनएम कर्मियों को सेवांत लाभ एवं एसीपी, एमसीपी का लाभ देने के लिए सचिवालय से स्वच्छता प्रमाण प्राप्त करने आदेश जारी कर दोहन के नियत गलत परंपरा की शुरुआत हुई है. स्वीकृत पदों पर स्थाई बहाली के बजाय बड़े स्तर पर संविदा आधारित बहाली हो रही है. एएनएम के 10500 पदों पर नियुक्ति हेतु निकाले गये विज्ञापन के विरुद्ध मात्र 7500 ही महिलाओं की नियुक्ति हुई. न्यू पेंशन लागू करके सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा को खत्म किया गया है. सभी संवर्ग के कर्मियों को वास्तविक रूप से प्रोन्नति देने के बजाए तृतीय श्रेणी के सभी संवर्ग को राज्य स्तरीय संवर्ग घोषित करने की साजिश रची जा रही है, ताकि उनका अंतरजिला स्थानांतरण कर आर्थिक शोषण किया जाये. जिसका तीव्र विरोध होगा. सभा को अरुण सिंह, लोकेश नाथ, राजीव रंजन कुमार, सुमन कुमारी, उपासना सिन्हा ने संबोधित करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान में शामिल एएनएम को अन्य कर्मियों की भांति समान वेतन, वार्षिक वेतन वृद्धि, विशेष अवकाश, शिशु देखभाल अवकाश आदि का लाभ नहीं मिल रहा है, जिसके कारण उनके गहरी नाराजगी है. वक्ताओं ने समान काम समान वेतन के साथ ही स्वास्थ्य को संविधान के मौलिक अधिकार में शामिल करने की मांग की. इस अवसर पर सुरेश राम गोंड, मीना कुमारी, धनंजय कुमार, रामबचन पांडे, मदन चौधरी, सजनी देवी, सजंती कुमार सहित सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है