सहार.
बाल विकास परियोजना कार्यालय में रजिस्टर पर साइन के बदले सेविका से सुपरवाइजर के द्वारा पैसा उगाही का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिससे विभाग में चल रहे लेन-देन का भंडाफोड़ हो हुआ है. हालांकि वायर वीडियो की पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता. मिली जानकारी के अनुसार सहार, गुलजारपुर, पेरहाप और खंडाव चतुर्भुज पंचायत के सुपरवाइजर आशा कुमारी के द्वारा सीडीपीओ कार्यालय में रजिस्टर सत्यापन के नाम पर सभी सेविका से एक-एक हजार रुपये लिया जा रहा था, जहां पैसा लेते एवं गिनते वीडियो वायरल हो रहा है. हालांकि वायरल वीडियो कब का है. इसकी पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है. हालांकि जानकर सूत्रों की मानें तो बाल विकास परियोजना कार्यालय में व्याप्त धांधली से अजीज होकर दो दिन पहले ही सेविकाओं ने चावल वितरण में विभाग और एसएफसी गोदाम प्रबंधन के द्वारा भारी लूट खसोट की शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोरमा कुमारी से की थी, जिसमें दो माह के टीएचआर के चार क्विंटल चावल के जगह ढाई क्विंटल चावल देने की बात कही गयी थी और नहीं लेने पर विभाग के द्वारा मानदेय कटौती तथा चयन मुक्त करने की धमकी दी गयी थी. हालांकि एक सेविका ने नाम न छापने की शर्त पर बताया था कि टीएचआर के लगभग 30 प्रतिशत विभाग के चढ़ावा देना पड़ता है, जिसमें एक हजार सुपरवाइजर,एक हजार पोषाहार तथा बीस प्रतिशत ऑफिस को देना पड़ता है, जिसके कारण लाभुकों को योजना के उचित लाभ नहीं मिल पाता है. जिसका जीता जागता उदाहरण वायरल वीडियो है. इस संबंध में सुपरवाइजर आशा कुमारी ने बताया कि मुझे फंसाने के लिए सेविका के द्वारा साजिश रची गयी है. वहीं, डीपीओ रेश्मि सिन्हा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है