आरा. बरसात के पूर्व में नगर के नालियों की अभी तक सफाई नहीं हो पायी है. जबकि विगत वर्षों में बरसात के पूर्व नगर की सभी नालियों एवं नालों की सफाई अभियान की तरह की जाती थी. इससे कुल मिलाकर बरसात में स्थिति लगभग ठीक रहती थी. पर नगर निगम की लापरवाही के कारण इस बार ऐसा नहीं हो पाया.
नगर में है 22 से अधिक आउट फॉल नाले : नगर में 22 से अधिक आउट फॉल नाले हैं. इससे नगर का पानी निकलता है. इसके साथ ही सैकड़ों नालियां है. इनकी सफाई होने से ही बरसात में वर्षा का पानी इन नालियों से सही ढंग से निकल पायेगा. अन्यथा पानी जाम हो जाने से शहर की स्थिति नारकीय बन जायेगी.
पूरी तरह कचरा से भरे हैं नाले : अभी तक स्थिति ऐसी है कि शहर के लगभग सभी नाले एवं नालियां कचरा से भरे पड़े हैं. थोड़ा पानी भी इन नल एवं नालियों से निकलने में मुश्किल हो रहा है. कई जगह स्थित है ऐसी है कि इतनी भीषण गर्मी में भी पानी सड़क पर बहने लगा रहा है. इसके बावजूद नगर निगम अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पा रहा है.
नाले व नालियों की सफाई पर प्रतिमाह खर्च किये जाते हैं लाखों रुपये : नाले एवं नालियों की सफाई पर प्रतिमाह लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. यह जनता की गाढ़ी कमाई से लिए गए कर से जमा होता है. पर नगर निगम द्वारा इस राशि का दुरुपयोग किया जाता है. नालियों की सफाई नहीं होती है एवं राशि भी खर्च दिखा दी जाती है.
निगम के पास हैं सफाई के संसाधन : निगम के पास नगर निगम बनने के 13 वर्ष बाद भी महज तीन जेसीबी, पांच ट्रैक्टर, दो सक्शन मशीन, 10 पंपिंग सेट एवं दो एस्केवेटर उपलब्ध हैं. जबकि कुल मिलाकर नगर निगम का एक वर्ष का बजट 4 अरब 4 करोड़ 18 लाख 60 हजार रुपए का होता है. नगर के 45 वार्डों में सफाई के इन संसाधनों से कितनी सफाई हो सकती है, इसे समझा जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है