आरा
. पीरो प्रखंड के परमानपुर गांव में जीयर स्वामी जी महाराज ने चातुर्मास व्रत के दौरान प्रवचन करते हुए कहा कि घर में श्रीमद्भागवत महापुराण पढ़ने से घर देवालय हो जाता है. दो-चार धार्मिक किताबें हर घर में होनी चाहिए. एक गीता प्रेस की किताब है क्या करें क्या न करें. इसको रखना चाहिए. दूसरी है पुस्तक है भवन भास्कर. इसमें घर के बारे में बताया गया है कि कहां खिड़की होनी चाहिए, कहां टीवी, बल्ब होना चाहिए. कहां नल होना चाहिए. तीसरी पुस्तकर है भागवत महापुराण जो हर घर में होना चाहिए. साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप है श्रीमद्भागवत महापुराण. हमेशा पढ़ना चाहिए. वह घर देवालय हो जायेगा. बड़े महापुरुषों का लक्ष्य कहीं गलत नहीं होता. उनके अनुयायियों द्वारा तोड़ मरोड़कर ऐसे शब्दों में परोस दिया जाता है, जिससे समाज के लोग अस्त व्यस्त हो जाते हैं.धर्म एक ही है दर्शन अलग-अलग हो सकते हैं : धर्म एक ही है, दर्शन अलग-अलग हो सकते हैं. धर्म एक ही है वह है सनातन धर्म. वैदिक धर्म. सनातन धर्म का अस्तित्व पहले भी था, आज भी है और आगे भी रहेगा. सनातन धर्म हमारे तन में, मन में, व्यवहार में, वाणी में समाया हुआ है. यही है सनातन धर्म. जैसे एक बेइमान, हिंसा करने वाला व्यक्ति को भी लगता है कि हमारे अगली पीढ़ी द्वारा बेइमानी, हिंसा न किया जाये. यही तो है सनातन धर्म.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है