सूख गये हैं तालाब, पोखर, नहर व अन्य पानी के संसाधन : गर्मी का असर फसलों पर भी पड़ रहा है. किसानों ने उड़द, पिपरमिंट, मूंग की फसलें बो रखी हैं .नहरों और माइनरों मेें पानी न होने से सिंचाई नहीं हो पा रही है. जिला कृषि पदाधिकारी संजय नाथ तिवारी ने कहा कि गर्मी का असर फसलों पर पड़ रहा है. फसलों में कोई रोग तो नहीं लग रहा है लेकिन सिंचाई अधिक करनी पड़ रही है. किसानों को चाहिए कि वह फसलों की सिंचाई बराबर करते रहे.
एसी व कूलर का बाजार हुआ गुलजार : गर्मी से एसी व कूलर की डेढ़ गुना बिक्री बढ़ चुकी है. खरीदारी के कारण एसी व कूलर के बाजार में काफी रौनक आ चुकी है. जिले के चट्टी -बाजारों में भी एसी की बिक्री शुरू हो चुकी है. यहां तक कि मध्यम वर्ग के लोग भी मजबूरी में एसी लगा रहे हैं. ताकि गर्मी से निजात मिल सके. गत वर्ष जहां जिले भर में साढे 3000 से अधिक एसी की बिक्री हुई थी. वहीं इस वर्ष 8000 से अधिक एसी की बिक्री हो चुकी है. बिक्री को देखते हुए दुकानदारों ने एसी के दाम में 10 से पंद्रह प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है. जबकि कूलर गत वर्ष की अपेक्षा अभी तक दो गुना से अधिक बिक चुके हैं. इनके दाम में भी लगभग 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दुकानदारों द्वारा की गयी है. इसके बाद भी खरीदारों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. गर्मी से बचाव के लिए लोग पैसे नहीं देख रहे हैं.गर्मी से घर में भी रहना हो रहा है मुश्किल : गर्मी से घर में भी रहना भी मुश्किल हो रहा है. घर में भी गर्मी के कारण हर चीज तप रहा है. वहीं कूलर की हवा भी राहत नहीं दे पा रही है. पसीना से लोग तरबतर हो रहे हैं. छोटे बच्चे काफी परेशान हो रहे हैं. कई बच्चे तो रोने लग रहे हैं. उमस भरी गर्मी लोगों के सुखचैन पर भारी पड़ रही है.
जिले में जल संकट की बनते जा रही है स्थिति : जल संकट से लोगों के समक्ष प्यासे रहने की स्थिति उत्पन्न हो रही है तो दूसरी तरफ जिम्मेवार विभाग की लापरवाही से सड़कों पर पानी बह रहा है. लगातार घट रहे जल स्तर से जिलावासियों के मन व मस्तिष्क पर चिंता की लकीरें खींच रही है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की स्थापना लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए की गयी है. पर विभाग अपने दायित्व को पूरी तरह निर्वाहन करने में विफल साबित हो रहा है. विभाग द्वारा घरों में पानी आपूर्ति करने के लिए बिछाये गये पाइप लाइन की स्थिति काफी जर्जर है. नगर में दो दर्जन से अधिक जगहों पर पाइपलाइन फटे हुए हैं. इस कारण हजारों लीटर पानी की बर्बादी प्रतिदिन हो रही है. यह स्थिति जल स्तर को घटाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वहीं दूसरी तरफ लोगों को पानी भी सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है. नियत समय तक पानी आपूर्ति का नियम है. पर पाइप लाइन के फटने से प्रेशर नहीं होने के कारण घरों में सही ढंग से पानी नहीं पहुंच पाता है. इतना ही नहीं गाड़ियों के सर्विसिंग सेंटर में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद किया जाता है. जबकि इस कार्य को नियंत्रित ढंग से करने पर काफी मात्रा में पानी बचाया जा सकता था. वहीं घरों में भी सबमर्सिबल सहित अन्य पानी निकालने के संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है. नगर के कई मोहल्लों सहित कई प्रखंडों में चापाकल पूरी तरह सूख गये हैं. चापाकल से पानी नहीं निकल पा रहा है.
तीस प्रतिशत तक घट चुकी है बाजारों में बिक्री : भीषण गर्मी के कारण लोग गांव से आरा नहीं आ रहे हैं. इस कारण खरीदारी काफी प्रभावित हुई है. बाजार के प्रभावित होने का आलम यह है कि 30 प्रतिशत तक बिक्री घट चुकी है. हालांकि अभी शादी -विवाह का मौसम है. फिर भी अधिकांश लोग आरा आने की जगह स्थानीय बाजार में ही खरीदारी करना बेहतर समझ रहे हैं. ताकि गर्मी से बचा जा सके.इन उपायों पर देना होगा ध्यान
वर्षा जल संचयन की करनी होगी पहल नगर निगम व जिला प्रशासन को उठाना होगा कारगर कदम प्राकृतिक जलस्रोतों कुआं, तालाब एवं पोखरों का जीर्णोद्धार कराना होगा बहुमंजिले भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य करना होगा शहर से निकलने वाले गंदे पानी के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर उसका इस्तेमाल अन्य कार्यों में करना होगा बाढ़ के पानी का समुचित प्रबंधन कर उसका लाभ उठाना होगा हर स्तर पर पानी का अपव्यय रोकना होगा. पोखर-तालाब के जीर्णोद्धार की योजना को कारगर ढंग से लागू करना होगाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है