गड़हनी.
स्थानीय नगर पंचायत गड़हनी के धमनियां गांव निवासी ओंकार चौबे के पुत्र सत्यदेव चौबे यूपी पुलिस की पहल पर 14 साल बाद रविवार को अपने परिजनों को मिल चुके. बता दें कि 16 जुलाई को यूपी के जिला संभल थाना कैलादेवी ग्राम शोभापुर के एक व्यक्ति ने 112 पर डायल कर बताया गया कि एक व्यक्ति सिर्फ पैंट पहने गांव के बाहर बैठा है, जो देखने से संदिग्ध लग रहा है. तुरंत 112 की पुलिस मौके पर पहुंच उससे नाम पता पूछा, तो बताया कि मैं बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत धमनियां गांव के ओंकार चौबे के पुत्र सत्यदेव चौबे हूं, लेकिन थाना संदेश बताया. 112 पुलिस ने उक्त व्यक्ति को थाना कैलादेवी लाया. कैलादेवी पुलिस निरीक्षक ने संदेश थाना से संपर्क किया, तो संदेश थानाध्यक्ष बताया कि धमनियां गांव हमारे थाना क्षेत्र में नहीं है. तब जाकर भोजपुर एसपी से संपर्क किया, तो पता चला कि गड़हनी थाना में धमनियां गांव है. गड़हनी थानाध्यक्ष कमलजीत के पास सूचना आयी की धमनियां का इस नाम का व्यक्ति मेरे पास है, उनके घर जाकर पड़ताल कर बताया जाये. गड़हनी पुलिस धमनियां गांव जाकर उनके भाई से संपर्क की और बताया कि आपका भाई कैलादेवी थाना जनपद संभल यूपी में है. उनके परिजनों से वीडियो कॉल पर गड़हनी थानाध्यक्ष ने सत्यदेव चौबे से बात करा कर पहचान करायी. बात करते वक्त उनकी पत्नी व भाई वीडियो काल पर ही रोने लगे. सत्यदेव चौबे की सुपुर्दगी के लिए यूपी के थाना कैलादेवी पर बुलाया गया. 19 जुलाई को उनका भाई मुखदेव चौबे पत्नी पुष्पा देवी थाना कैलादेवी पहुंचे. पति को देखते ही पत्नी ने थाने में ही लिपट कर रोने लगी. साथ ही उनका भाई मुखदेव चौबे भी रोते हुए बताया कि सत्यदेव चौबे करीब 13-14 साल पहले घर से रांची दवा लेने गये थे उसके बाद घर नहीं लौटे थे. हम लोगों ने अपने भाई को काफी जगह तलाश की, लेकिन कहीं नहीं मिले. हम सोचने लग गये थे की हमारा भाई इस दुनिया में नहीं है. आज यूपी संभल पुलिस की मेहरबानी से हमें हमारा भाई 13-14 साल बाद मिला है. आप सभी पुलिस वालों को बहुत बहुत धन्यवाद.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है