आरा.
नगर निगम की योजनाओं में की गयी कथित गड़बड़ियों को लेकर नगर निगम ने चार योजनाओं में नगर थाने में नगर निगम के अभियंता व ठेकेदार सहित आठ पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी. एनआइटी संख्या दो के अभि 2020-21 के ग्रुप संख्या 110 के तहत करायी गयी योजनाओं में करीब 21 लाख 15 हजार की मापी पुस्तिका (एमबी बुक ) में दर्ज कर राशि निकाल ली गयी है. जबकि जांच में पाया गया कि कोई भी कार्य नहीं किया गया है. इन योजनाओं में राशि भुगतान की अनुशंसा कार्यपालक अभियंता विजय कुमार, कनीय अभियंता रौशन कुमार पांडेय ने किया है. संवेदक प्रमोद कुमार सिंह पर गबन करने का आरोप लगाया गया है, पर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इस कारण लोगों में इसे लेकर चर्चा होने लगी है. नगरवासियों के बीच चर्चा हो रही है कि कितना भी बड़ा घोटाला हुआ है, पर इस पर कार्रवाई नहीं की जायेगी. दिखावे के लिए प्राथमिक दर्ज करायी गयी है. नगर निगम के दर्जनों योजनाओं में गड़बड़ी की गयी है. बिना काम कराये पैसा ले लिया गया है. फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है. महज चार योजना में प्राथमिकी दर्ज कराकर खानापूर्ति की गयी है. वहीं, शहरवासियों की सुविधा को लेकर बनायी गयी योजनाएं अब नगरवासियों को मुंह चिढ़ा रही हैं. इनकी गाढ़ी कमाई से जमा की गई कर की राशि ठेकेदारों, अभियंताओं की सुख सुविधा के संसाधन बन गये हैं. जबकि केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने नगर निगम की योजनाओं में की गयी सभी अनियमितता को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने तथा दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था. फिर भी ऐसा अभी तक नहीं हो पाया है. 60 करोड़ की राशि नगर विकास विभाग द्वारा निगम को उपलब्ध कराया गया था. इसमें लगभग 16 करोड की राशि नगर की सड़कों के निर्माण के लिए था.अन्य 44 योजनाओं पर नहीं दर्ज करायी गयी है प्राथमिकी :
हालात ऐसे हैं कि प्राथमिकी दर्ज कराई गई योजनाओं के अतिरिक्त अन्य 44 योजनाओं में गड़बड़ी की गयी थी जबकि उन पर प्राथमिक की भी दर्ज नहीं कराई गई ऐसे में नगर निगम की कार्यशैली का अंदाजा लगाया जा सकता है वह नगर वासियों की सुविधा का ठेकेदार व अधिकारी बंदरबांट कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है