पीरो. शहर में बालू लदे बड़े वाहनों से आए दिन हो रहे सड़क दुर्घटनाओं पर लगाना लगाने के लिए प्रशासन की ओर से पीरो शहर में सुबह 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक नो इंट्री लागू की गयी है. लेकिन, प्रशासनिक उदासीनता के कारण यहां नो-इंट्री का निर्देश बेअसर साबित हो रहा है. यहां सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक नो इंट्री है.इसके बावजूद यहां अक्सर दिन में भी बड़े वाहन शहर से गुजरते देखे जा सकते हैं. दिन में बड़े वाहनों के शहर से गुजरने और सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण के कारण यहां अक्सर जाम जैसी स्थिति बन जाती है. जाम के कारण वाहनों और बाइक सवारों की बात तो दूर है, पैदल चले वालों को भी जाम से निकलना मुश्किल हो जाता है. आये दिन यहां नो इंट्री के हो रहे उल्लंघन से आम लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. स्थानीय लोग इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और नो इंट्री का पालन कराने के लिए तैनात किये कर्मियों की मनमानी को जिम्मेवार ठहराते हैं. भाजपा नेता मदन स्नेही, ब्रजेश सिंह, रजनीश मिश्र, अमित पांडेय समेत कई लोगों ने ओझवलिया मोड़ और बचरी रेलवे ओवरब्रिज के समीप नो इंट्री का पालन कराने के लिए तैनात पुलिस कर्मियों पर ट्रकों से पांच पांच सौ रुपए वसूलने का आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध वसूली कर कर्मी बड़े वाहनों को छोड़ देते हैं. इसी कारण शहर में जाम की स्थिति बन जाती है और हमेशा दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है. वही शाम 8 बजे के बजाय 6 बजे से ही नो इंट्री की अघोषित रूप से समाप्त हो जाती है और 6 बजे के बाद से ही शहर में बड़े और बालू लदे वाहनों का लगातार गुजरना शुरू हो जाता है.शाम 6 बजे और 7 बजे बाजार में लोगों की भीड़ रहती है और ऐसे में आम लोगों को सड़क से गुजरने और सड़क पार करने में काफी परेशानी होने लगती है.बाजार में भीड़भाड़ के कारण यहां सड़क पर दुर्घटना होने की संभावना भी बढ़ जाती है.शादी विवाह का समय होने के कारण अक्सर पीरो शहर में शाम 6 बजे के बाद बड़े वाहनों की लंबी कतार लगने की वजह से जाम की स्थिति भी बन जाती है.सबसे ज्यादा खतरा पैदल चलने वालों और बाइक सवारों को होता है.
पहले रात्रि 9 बजे तक थी नो इंट्री
पीरो शहर में लगातार हुई सड़क दुर्घटना में कई लोगों की मौत होने के बाद स्थानीय लोगों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया था, तब प्रशासन पीरो शहर में नो एंट्री लागू करने पर राजी हुआ था.शुरुआत में पीरो शहर में सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक पीरो शहर में बड़े वाहनों के लिए नो इंट्री का नियम लागू किया गया था. नियम के लागू होने के कुछ माह बाद ही कथित तौर पर राजस्व के कमी होने और ट्रक ओनरों के अनुरोध के आलोक में भोजपुर के तत्कालीन डीएम के निर्देश पर पीरो के नो इंट्री के समय को घटाकर रात्रि 9 बजे से रात्रि 8 बजे तक कर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद ट्रक चालकों द्वारा नो इंट्री के निर्देश को धड़ले से ठेंगा दिखाया जा रहा है. पीरो में नो इंट्री के निर्देश के बेअसर होने में प्रशासनिक लापरवाही और उदासीनता का भी महत्वपूर्ण योगदान है.
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