आरा.
सोमवार की सुबह से ही हो रही बारिश से किसानों में खुशी की लहर है. बारिश कम होने तथा नहरों में भी पर्याप्त पानी नहीं आने के कारण धान की रोपनी सहित अन्य कृषि कार्य काफी सुस्त चल रहे थे. इससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गयी थीं. किसान परेशान हो गये थे, पर सोमवार की सुबह से हो रही बारिश से खेतों को काफी लाभ पहुंचा है. खेतों में पानी भर गया है. अब मंगलवार से किसान खेतों में तेजी से जुताई कर धान की रोपनी का कार्य करेंगे. वहीं जहां धान की रोपनी हो चुकी है एवं पानी के भाव में धान सुख रहे थे, उनको भी जीवन दान मिल गया है.अब पानी से धान लहलहा उठेंगे एवं अच्छी पैदावार होने की संभावना बढ़ गयी है. जिले में मानसून मेहरबान हो गया. विगत तीन से चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इससे किसानों के चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही है. किसान खेतों की तरफ चल पड़े हैं.
10806.09 हेक्टेयर में विभाग ने निर्धारित किया है बिचड़ा का लक्ष्यकृषि विभाग ने जिले में 10806.09 हेक्टेयर में बिचड़ा लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे किसानों को धान की रोपनी करने में परेशानी नहीं हो एवं उनके जरूरतों के अनुसार धान की उपज हो सके. वहीं 11000 हेक्टेयर में धान की रोपनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. धान की रोपनी में आयेगी काफी तेजीजिले में धान की रोपनी में काफी तेजी आयेगी. लगभग सभी किसान ट्रैक्टर आदि के माध्यम से खेतों की जुताई करने में जुट गये. सुबह से शाम तक खेतों में रौनक रह रही है. बारिश के पानी से खेतों की जुताई करने में काफी सुविधा हो गई है. जिले के दक्षिणी इलाके में काफी मात्रा में धान की रोपनी होती है. इंद्र भगवान के मेहरबान होने से वर्षा होने के कारण किसान लगातार कृषि कार्य में जुट गये हैं. इस कारण कृषि विभाग द्वारा निर्धारित धीरे-धीरे पूर्णता की ओर बढ़ रहा है. नहरों में पानी नहीं होने से धान की रोपनी में हुई परेशानीनहरों में पानी नहीं आने के कारण किसानों को धान की रोपनी में काफी परेशानी हुई. जिन किसानों के पास अपना बोरिंग सेट है, उन किसानों ने काफी रोपनी कर लिया है. एक तरफ वर्षा नहीं हो रही थी और दूसरी तरफ नहर में पानी नहीं था, ऐसे में किसानों को काफी परेशानी हो रही थी. सब्जी की फसलों को हो रही है काफी क्षतिलगातार चार दिन से वर्षा होने के कारण सब्जी की फसलों को काफी क्षति हो रही है. खेतों में पानी जमा हो जाने से फसल सूख रहे हैं एवं सब्जी सड़ रहे हैं. ऐसे में किसानों को काफी परेशानी हो रही है. उनके माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है. काफी पैसे लगाने के बाद फसल बर्बाद हो जाने से उन्हें काफी आर्थिक क्षति होने का भय सता रहा है. जिले में लगभग 1000 एकड़ में सब्जी की फसल लगाई जाती है. यदि यही स्थिति रही तो सब्जी के दाम काफी अधिक हो सकते हैं. सब्जी महंगा होने से सभी को परेशानी हो सकती है. रसोई का बजट बिगड़ सकता है. 27 जुलाई तक सामान्य से काफी कम हुई थी वर्षा27 जुलाई तक सामान्य से काफी कम वर्षा हुई है. लगभग एक तिहाई ही वर्षा हुई है. सामान्य वर्षा 307 मिलीमीटर होती है. जबकि जिले में 27 जुलाई तक 102 मिलीमीटर ही वर्षा हो पाई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है