आरा.
हत्या के एक मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार पांडा ने बुधवार को दोषी आशीष पासवान समेत आठ दोषियों को कठोर आजीवन कारावास तथा कुल तीन लाख दो हजार रुपये का जुर्माना सुनाया. अभियोजन की ओर से एससी/एसटी के विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्र कुमार सिंह ने बहस किया था. उन्होंने बताया कि आठ जून, 2020 को नगर थानांतर्गत गौसगंज निवासी मिथुन पासवान को जानकी मंदिर के पास गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया था. इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल ले आया गया, जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. सूचक ने कहा था कि घटनास्थल पर ही गंभीर रूप से जख्मी ने उसे गोली मारने वाले अपराधी का नाम बताया था. साथ ही उससे 15 दिन पूर्व रंगदारी देने की मांग की गयी थी. उक्त घटना को लेकर सूचक द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. 24 सितंबर 2021 को सभी आठ आरोपितों के खिलाफ आरोप का गठन हुआ था. अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाहों की गवाही हुई थी. सिविल कोर्ट आरा से आरोपित आशीष पासवान तीन जनवरी, 2023 को भागलपुर जेल से पेशी के दौरान पुलिस हिरासत से भाग गया था. बाद में आरोपी आशीष पासवान को झारखंड में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसे 26 सितंबर 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उसे इस मामले में पेश किया गया था. सुनवाई के दौरान बुधवार को आरोपित आशीष पासवान व अविनाश पासवान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पांडा ने गोली मारकर हत्या करने का दोषी पाते हुए गौसगंज निवासी आरोपी आशीष पासवान, उसके भाई आरोपी अविनाश पासवान और दोषी अंकित पासवान, सर्वजीत पासवान व उसका भाई दोषी अमरजीत पासवान, बड़की सिंगही निवासी रवि पासवान, गौसगंज के ही अमरजीत पासवान पिता कृष्णा पासवान, भलुहीपुर गांव के दोषी छोटू यादव को कठोर आजीवन कारावास प्रत्येक को कुल 3 लाख 2 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है