आरा/शाहपुर
. गंगा नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. पिछले कई दिनों से गंगा नदी के जल स्तर में हो रही वृद्धि के कारण प्रखंड क्षेत्र में गंगा नदी उफान पर है और सिर पर मंडरा रहे बाढ़ के खतरे से लोगों में तूफान मचा है. गंगा नदी के तलहटी में बसे गांवों के लोग गांव को छोड़कर अपने मवेशियों के साथ ऊंचे स्थल पर जाने शुरू हो गये हैं. मुख्य सड़कों को छोड़ दें, तो लगभग सभी ग्रामीण सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है, जिसके कारण कहीं-कहीं आवागमन भी बाधित हो चुका है. ग्रामीण क्षेत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बक्सर-कोईलवर सुरक्षा तटबंध पर गौरा-बहोरनपुर से लेकर दामोदरपुर-जवइनिया बांध तक करीब सात किलोमीटर में हर जगह टेंट व झोंपड़ियां लगाकर लोग अपने गाय, भैंस, ऊंट, बकरियों व विभिन्न मवेशियों के साथ हजारों की संख्या में शरण लिए हुए हैं. वहीं बाढ़ के पानी का नये-नये क्षेत्रों में प्रवेश करना शुरू कर दिया है. पानी के कारण फसलों को भी बर्बाद होने की आशंका जतायी जा रही है. वहीं मरचइया व करीमन ठाकुर डेरा गांव के बीच बाढ़ का पानी चढ़ गया है, जिससे आवागमन बाधित हो चुका है. यही हाल शाहपुर-बरिसवन, उमरावगंज-चारघट, सोनकी-बुझाराय का डेरा, सुरेमनपुर-लक्षुटोला, चमरपुर-बहोरनपुर सहित कई सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. अंचल के दामोदरपुर, लक्षुटोला, लालू डेरा, बहोरनपुर, गौरा, डुमरिया, करजा, हरिहरपुर, बरिसवन, सुहिया पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. यदि जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो अगले दो दिनों में अंचल की सभी पंचायतें बाढ़ के पानी से पूरी तरह से घिर जायेंगी. साथ ही सभी मुख्य सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ जायेगा.शाहपुर अंचलाधिकारी रश्मि सागर ने बताया कि प्रशासन बाढ़ को देखते हुए पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर है. सभी पंचायतों के संबंधित कर्मियों को अलर्ट रहने व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ संबंध स्थापित कर लगातार संपर्क बनाये रखने का निर्देश दिया गया है. किसी भी तरह की अनहोनी से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम की तैयार है. साथ ही बांध पर मेडिकल टीम भी अपनी सेवा दे रही है. अब तक विस्थापित परिवारों के लिए दो सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा है.
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