आरा.
शहीदों के नाम का मातमी जुलूस “बीबी का डोला”” महाजन टोली न•1, महादेवा रोड, स्थित डिप्टी शेर अली के इमामबाड़ा से स्व अहमद हुसैन की तरफ से शहर में निकाला गया. यह जुलूस महादेवा रोड, धर्मन चौक, गोपाली चौक, शीश महल चौक, बिचली रोड होते हुए वापस धर्मन चौक, महादेवा रोड स्थित डिप्ली शेर अली के इमामबाड़ा में जाकर समाप्त हुआ. यह जुलूस निकलने की परंपरा लगभग 200 वर्ष पुरानी है. इसमें कर्बला में हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत को याद करके नौहा पढ़ा जाता है और मातम किया जाता है. शिया समाज के लोग विशेषकर काला वस्त्र पहनकर इस शोकपूर्ण घटना की याद में मातम, नौहा करते हुए शोक मनाते हैं और सभी समुदाय के लोग शामिल होकर सहयोग करते हैं.इस जुलूस मे सैयद काज़िम हुसैन, प्रोफेसर सैयद एजाज़ हुसैन, सैयद आबिद हुसैन, सैयद शब्बीर हसन, सैयद हसनैन, सैयद अक़ील हैदर, गुड्डू अंसारी, सैयद कमर बिलग्रामी, सैयद वक़ार हुसैन, सैयद वारिस बिलग्रामी, मोहसिन हैदर, यावर हुसैन, शादाब हुसैन, लड्डन अंसारी आदि अनेक लोग शामिल थे.जुलूस में गुड्डू अंसारी, ओम प्रकाश “मुन्ना “, महफ़ूज आलम, अब्दुल वहाब, शमीम अहमद, लड्डन अंसारी, मेहदी हसन, बीर बहादुर, आदि का इसके संचालन में महत्वपूर्ण योगदान रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है