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बिहार के सैकड़ों बच्चों के शरीर पर सूती कपड़ा या पैरों में चप्पल नहीं : प्रशांत किशोर

बिहार बदलाव यात्रा के तहत नारायणपुर में प्रशांत किशोर का जनता का संबोधन

अगिआंव.

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी ””बिहार बदलाव यात्रा”” के तहत लगातार अलग-अलग जिलों और प्रखंडों में लोगों से संवाद कर रहे हैं और स्थानीय पत्रकारों से भी बात कर रहे हैं. वहीं इसी कड़ी में बुधवार को उन्होंने भोजपुर के अगिआंव प्रखंड के नारायणपुर बाजार में आयोजित बिहार बदलाव सभा को संबोधित किया.

पटना से भोजपुर के रास्ते में प्रशांत किशोर का विभिन्न स्थानों पर नागरिक अभिनंदन किया गया. बड़ी संख्या में पार्टी और उनके समर्थकों ने ढोल- नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया. समर्थकों ने उन्हें फूल- माला से लाद दिया. प्रशांत किशोर के पीछे गाड़ियों का लंबा काफिला भी चल रहा था. अपने संबोधन में प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं पिछले तीन सालों से बिहार के गांव-गांव घूम रहा हूं, लेकिन बच्चों के शरीर पर सूती कपड़ा या पैरों में चप्पल नहीं है. इसीलिए आपको अपने बच्चों की चिंता करनी है, कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि बिहार के लोगों को लालू जी से सीखना चाहिए कि बच्चों की चिंता क्या होती है. उन्होंने कहा कि लालू जी का बेटा 9वीं पास भी नहीं किया है, फिर भी वह चाहते हैं कि उनका बेटा राजा बने और दूसरी तरफ बिहार के लोग जिनके बच्चे मैट्रिक, बीए, एमए कर चुके हैं, फिर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है. इसके बाद उन्होंने जनता से बड़ा वादा करते हुए कहा कि जन सुराज दिसंबर 2025 से 60 साल से ऊपर के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपये मासिक पेंशन देगा. उन्होंने कहा कि इस साल छठ पूजा के बाद बिहार के युवाओं को 10-12 हजार रुपये की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा. उन्होंने बड़ा ऐलान किया कि जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं हो जायेगा, तब तक आप अपने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस सरकार भरेगी ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके. आगे इसके साथ ही उन्होंने जनता से अपील की कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें. अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें. बिहार में व्यवस्था परिवर्तन कर जनता का राज स्थापित करने के लिए नेताओं का चेहरा देखकर वोट न करें. चुनाव में वोट लालू, नीतीश और मोदी के चेहरे पर नहीं अपने बच्चों के चेहरे को देखकर दीजिएगा. अगली बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें.

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