आरा.
महाशिवरात्रि का त्योहार बुधवार को पूरे जिले में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया. शिवालयों में दिनभर जल व दूध से अभिषेक के साथ भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की गयी. श्रद्धालुओं ने व्रत व उपवास रखकर शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ा कर सुख-समृद्धि की कामना की. नगर के सभी प्रमुख शिव मंदिरों व अन्य मंदिरों में शिव भक्त भगवान शिव को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचते रहे. हिंदू पंचाग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष के 13वें दिन को मासिक शिवरात्रि मनायी जाती है. सावन में आनेवाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहते हैं. भगवान शिव के अनन्य भक्त प्रत्येक मासिक शिवरात्रि को व्रत रखते हैं व श्रद्धापूर्वक शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं. एक साल में 12 शिवरात्रि आती है, लेकिन इन 12 शिवरात्रि में से दो शिवरात्रि का सबसे अधिक महत्व माना जाता है.हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज रहे थे मंदिर शिवरात्रि पर पूरा जिला हर-हर महादेव के नारों से गूंज रहा था. हर तरफ शंख ध्वनि व ऊँ नमः शिवाय के मंत्र से वातावरण गुंजायमान हो रहा था. सुबह से ही स्नान कर लोग मंदिरों की तरफ निकल पड़े. सड़कों पर जा रहे महिला व पुरुष शिव भक्तों की छटा देखते बन रही थी. इतना ही नहीं कई घरों में भी भगवान शिव की पूजा-अर्चना की गयी. वहीं कई लोगों ने महामृत्युंजय जाप विद्वान पंडितों के माध्यम से कराया. वहीं, कई भक्तों ने शिव चालीसा का पाठ किया.
शिवरात्रि के दिन पूरे शिव परिवार की होती है पूजा-अर्चना
सावन शिवरात्रि के दिन पूरे शिव परिवार की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत, उपवास, मंत्र जाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव के साथ मां गौरी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. शिवरात्रि को लेकर नगर के महादेवा स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर, पातालेश्वर महादेव मंदिर, सिद्धनाथ शिव मंदिर सहित अन्य छोटे-बड़े मंदिरों में भी शिव भक्तों ने पूजा अर्चना की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है