आरा.
पकड़ी में तुरहा एकता मंच की एक बैठक हुई. इसमें आरा सहित जगदीशपुर, पीरो, शाहपुर, बिहिया, चरपोखरी, संदेश समेत शाहाबाद क्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों से समाज के प्रबुद्ध पुरुष, माताएं-बहनें, युवा, छात्र भारी संख्या में उपस्थित थे. अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष शिवम कुमार तुरहा ने कहा कि तुरहा”” कोई साधारण शब्द नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान, परंपरा और संघर्ष का प्रतीक है. अब समय आ गया है कि यह नाम हर सरकारी दस्तावेज, मंच और परिवार तक सम्मान सहित पहुंचे. उन्होंने पांच सूत्रीय प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें तुरहा शब्द के समर्थन में जनजागरण अभियान चलाने, शिक्षा और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देने, रोजगार, व्यापार एवं सरकारी योजनाओं से जुड़ाव, राजनीतिक भागीदारी और नेतृत्व निर्माण तथा नई पीढ़ी को संगठित कर समाज को सशक्त करना शामिल है. वहीं, कार्यक्रम के मुख्य प्रेरक वक्ता लालू तुरहा ने कहा कि हम है तुरहा, परंपरा, परिश्रम और पहचान के प्रतिक. हम कोई जाति नहीं, हम एक विचारधारा हैं. हमारी पहचान मेहनत, स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता से बनी है. जिसे सीधे अंग्रेजी के शब्दों में कहें तो तुरहा का शाब्दिक अर्थ तपस्वी, उद्यमी, राष्ट्रनिर्माता, हिम्मती और आत्मनिर्भर है. उन्होंने कहा कि हम वो लोग हैं, जो ज़मीन से जुड़े, ज़मीर से अडिग और कर्म से महान हैं. वहीं जितेन्द्र कुमार तुरहा ने कहा कि यह बैठक कोई साधारण आयोजन नहीं, यह सामाजिक परिवर्तन की लौ है. अब जब तुरहा एक होगा, तब कोई शक्ति हमें रोक नहीं सकेगी.अंत में नारा लगायी गयी- जागो तुरहा समाज – बढ़ाओ एकता का राज आदि. कार्यक्रम में विशेष रूप से शामिल लोगों में प्रेम कुमार तुरहा, चंदन कुमार तुरहा, गणेश जी तुरहा,राजा कुमार, बिरा तुरहा, लड्डू कुमार,रमेश कुमार ””मनोहर””,परशुराम तुरहा,आनंद जी तुरहा सहित सैकड़ों समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे. बैठक का संचालन सुधीर कुमार ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है