आरा.
चर्चित अधिवक्ता व स्वर्ण व्यवसायी डाॅ हरिजी गुप्ता हत्याकांड में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधाकर पांडेय ने गुरुवार को पांच आरोपितों को कठोर आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनायी. अभियोजन की ओर से माणिक कुमार सिंह ने बहस किया था. उन्होंने बताया कि आरा नगर थानांतर्गत महाजन टोली नंबर एक निवासी उदय प्रकाश गुप्ता ने तीन नवंबर, 2022 को थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि दो नवंबर,2022 को उसके पिता डाॅ हरिजी गुप्ता घर से अपने मार्केट बलुबहिया बाइपास नहर रोड पर किरायदारों से किराया लेने गये थे, परंतु घर वापस नहीं आये. मार्केट से पहले उनकी मोटरसाइकिल खड़ी थी. परिवारवालों ने उनकी तलाश की, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला. उनका मोबाइल भी बंद था. घटना को लेकर सूचक ने अमर कुमार समेत अन्य लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें कहा गया था कि किरायेदार के बेटा अमर कुमार से घटना के दिन विवाद हुआ था. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने पांच नवंबर को शाहपुर थाने के रानीसागर के पास अपराध के साक्ष्य छिपाने के इरादे से पीड़ित का शव फोरलेन सड़क किनारे पुलिया से एक बोरी में बंद करके पत्थर के नीचे छिपाकर रखा गया बरामद किया था. इसके बाद उक्त प्राथमिकी में हत्या की धारा भी जोड़ दी गयी थी. जिस कार से मृतक को ले जाया गया था, उसे पुलिस ने बक्सर से बरामद कर लिया था. इस मामले में 19 जून, 2023 को आरोप-पत्र दाखिल किया गया. अभियोजन की ओर से कोर्ट में 13 गवाहों की गवाही हुई थी. एपीपी ने बताया कि यह परिस्थितिजन्य साक्ष्य का मामला है और उन्होंने सुनवाई के दौरान कोर्ट में 18 साक्ष्य प्रस्तुत किया. सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधाकर पांडेय ने अपहरण कर हत्या करने का दोषी पाते हुए रौजा निवासी अमर कुमार और रितेश कुमार, धरहरा निवासी राजू कुमार उर्फ राजू यादव, धरहरा मठिया निवासी रंजन यादव उर्फ बउआ और आरा नगर थाना अंतर्गत अहिरपुरवा निवासी रंजन यादव को कठोर आजीवन कारावास व प्रत्येक को कुल 80 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है