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arrah news : शहर की सड़कों के किनारे जमा है कचरा, नालियों की नहीं होती सफाई

arrah news : जिला व निगम प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान, कैसे होगा अपना शहर स्वच्छ, चार सदस्यीय केंद्रीय टीम ने 25 मार्च को शहर की स्वच्छता का किया है आकलन

आरा. शहर की स्वच्छता के प्रति जिला प्रशासन व नगर निगम प्रशासन गंभीर नहीं है. केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाता है. स्मार्ट सिटी की कल्पना की गयी है, पर स्मार्ट सिटी की सूची से शहर पहले ही निकल चुका है. अब सामान्य स्वच्छता में भी स्थिति खस्ता हाल है.

स्वच्छता को लेकर केंद्रीय टीम द्वारा आकलन किया जाता है. वहीं ओडीएफ टीम द्वारा भी आकलन किया जाता है. 25 मार्च को चार सदस्यीय केंद्रीय टीम ने शहर की स्वच्छता का आकलन किया है. इसके बाद ओडीएफ की टीम द्वारा आकलन किया जायेगा. इसको लेकर निगम के स्वच्छता प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि 25 मार्च को चार सदस्यीय केंद्रीय टीम ने आकलन किया है. अभी तीन वार्डों का आकलन बाकी है. लगभग एक माह के बाद स्वच्छता रैंकिंग की जानकारी होगी.

स्वच्छता के प्रति जागरूक की कमी

स्वच्छता के प्रति जिला प्रशासन व नगर निगम प्रशासन दोनों ही जागरूक नहीं है. सड़क किनारे कचरा पड़े रहते हैं. प्रतिदिन उनकी सफाई नहीं होती है. नालियों की सफाई प्रतिदिन नहीं होती है. शहर के सरकारी भवनों व अन्य भवनों की दीवारों पर गंदगी लगी रहती है. केंद्रीय टीम सरकारी कार्यालयों में भी सफाई की स्थिति का आकलन किया है. कचरे का उठाव, नालों की साफ-सफाई नियमित होने के अलावा पुराने कचरे का निबटारा का आकलन कर चुकी है. इतना ही नहीं सार्वजनिक शौचालयों में साफ-सफाई की स्थिति, नल जल की व्यवस्था तथा साबुन की व्यवस्था का आकलन कर चुकी है. वहीं सामुदायिक शौचालयों की स्थिति व मेंटनेंस का भी आकलन किया गया है. बाजार व मॉल में शौचालय व साफ-सफाई की स्थिति का भी जायजा लिया गया है.

नहीं चलाया जाता है जागरूकता अभियान

स्वच्छता को लेकर नगर निगम द्वारा जागरूकता अभियान नहीं चलाया जाता है. नगरवासी यत्र तत्र कचरा फेंक देते हैं. वहीं निगम द्वारा जगह-जगह पर डस्टबिन की भी व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में नहीं की गई है. कचरे का उठाव सही समय पर नहीं होता है. हालत यह है कि सफाई कर्मी सड़कों की सफाई कर छोड़ देते हैं. मोहल्ला की गलियों की भी सफाई कर छोड़ देते हैं. जबकि कचरे का उठाया करने वाले कर्मी कचरे का उठाव नहीं करते हैं. हालात यह हो जाता है कि कचरा फिर से सड़कों पर पसर जाता है या फिर नालियों में पसर जाता है. इससे सड़कों पर एवं नालियों में गंदगी पसरी रहती है. स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरूकता अभियान के तहत बैनर पोस्टर गोष्ठी एवं जाने-माने लोगों द्वारा अपील की व्यवस्था नगर निगम द्वारा नहीं की जाती है. लोगों को इस मामले को लेकर शिक्षित नहीं किया जाता है. स्वच्छता के लाभ के बारे में नहीं बताया जाता है. इस कारण शहर स्वच्छता के मामले में काफी पिछड़ा रहता है. स्वच्छता की रैंकिंग में यह काफी निचले स्तर पर रहता है.

दुकानदारों द्वारा सड़कों पर फेंक दिये जाते हैं कचरा

सड़कों किनारे ठेला आदि के माध्यम से खाने पीने की सामानों सब्जी आदि की बिक्री करने वाले दुकानदार कचरे को सड़कों के किनारे ही फेंक देते हैं. इससे गंदगी फैली रहती है. सार्वजनिक शौचालय की सफाई नहीं होती है सफाई को लेकर एक तरफ लोगों में जागरूकता का काफी अभाव है. वहीं दूसरी तरफ निगम प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा भी सफाई सही ढंग से नहीं कराया जाता है.

सर्वे में 10,000 अंकों का होगा स्कोर

सर्वे में 10,000 अंकों का स्कोर होगा. इसमें सफाई व्यवस्था, नागरिक भागीदारी और नवाचार को विशेष महत्व दिया जाता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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