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दिल्ली बेसमेंट घटना: बेटी तान्या का शव देखते ही मां हुई बेहोश, चारों तरफ चीत्कार…

दिल्ली से बेटी के औरंगाबाद शव पहुंचते ही मां बबिता सोनी की हालत बद से बदतर थी. कभी वह चिल्लाने लगती तो कभी बेहोश हो जाती. घर की महिलाएं लगातार उसे ढांढ़स बंधा रहे थे.

दिल्ली के राजेंद्र नगर में संचालित राव आइएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने की वजह से नवीनगर की जिस तान्या सोनी नामक छात्रा की मौत हुई उसका शव सोमवार की शाम एम्बुलेंस से पैतृक घर शनिचर बाजार पहुंचा. शव आते ही उक्त मुहल्ले में अफरा-तफरी की स्थिति बन गयी. तान्या के घर में कोहराम मच गया.

पिता, मां, भाई, बहन, दादा, चाचा सहित तमाम परिजनों के चीत्कार से बाजार का इलाका गूंज उठा. सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी हुई थी. गम के साथ-साथ गुस्सा भी नजर आया. दिल्ली सरकार के खिलाफ एक अलग सा आक्रोश दिखा. हर किसी के मुख से बस एकही बात निकल रही थी तान्या भले ही अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन बेसमेंट में पढ़ने वाली सैकड़ों तान्या को बचाने की जरूरत है.

आसपास के लोगों ने कहा कि यह कैसी व्यवस्था है कि देश की धड़कन कहे जाने वाली राजधानी दिल्ली में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए बेसमेंट का सहारा लिया जा रहा है. ऐसे लोगों पर सख्ती के साथ कार्रवाई होनी चाहिए. कोचिंग के नाम पर विद्यार्थियों का दोहन किया जाता है. मोटी रकम वसूल की जाती है.

शव के साथ पहुंचे माता-पिता, घर पहुंचते ही टूटा सब्र का बांध

आइएएस की तैयारी कर रही छात्रा तान्या की मौत से नवीनगर ही नहीं बल्कि पूरे जिले के लोग दुखी है. तान्या के पिता सहित अन्य परिजनों को एक बड़ी उम्मीद लगी थी कि तान्या आइएएस बनकर उनका सपना पूरा करेगी. लक्ष्य को हासिल करने के नजदीक थी, लेकिन बेसमेंट की घटना ने पूरे परिवार के अरमान को ध्वस्त कर दिया. पिता विजय सोनी तेलांगना में माइंस इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे.

वहां उनकी पत्नी, बेटी और एक बेटा भी साथ में रहते थे. घटना के बाद दिल्ली से तान्या का शव लेकर नवीनगर पहुंचे और घर की दहलीज पर कदम रखते ही चीत्कार उठे. बेटी के शव के साथ पिता ने घंटों सफर तय किया. घर पहुंचते ही उनके सब्र का बांध टूट गया. बिलखते हुए कहा कि सबकुछ खत्म हो गया.

मां बबिता सोनी की हालत बद से बदतर थी. कभी वह चिल्लाने लगती तो कभी बेहोश हो जाती. घर की महिलाएं लगातार उसे ढांढ़स बंधा रहे थे. जानकारी मिली कि विजय सोनी की दो पुत्री तान्या सोनी, पलक सोनी उर्फ गुनगुन व एक पुत्र आदित्य सोनी है. तान्या बड़ी पुत्री थी.

दादा बोलेईश्वर ने इसी दिन के लिए रखा था जिंदा

पोती की मौत से सदमे का सामना कर रहे दादा गोपाल सोनी की हालत बद से बदतर थी. घटना के बाद से ही वे सदमे में आ गये. जब कोई उन्हें ढांढ़स बंधाने जाता तो बस एकही रट लगा रहे थे कि ईश्वर ने उन्हें इसी दिन के लिए जिंदा रखा था.

भाइ बोलादुर्घटना नहीं कत्ल है

तान्या के भाई सोनू कुमार सोनी ने कहा कि बेसमेंट में पढ़ाई कराना पूरी तरह नाजायज है. उनकी बहन अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन दिल्ली सरकार की व्यवस्था की पोल खुल गयी. तान्या के शव लाने के लिए सरकारी स्तर पर एक एंबुलेंस की भी व्यवस्था नहीं करायी गयी.

अस्पताल से पैसे खर्च कर एंबुलेंस किया गया. इस घटना के पीछे दिल्ली सरकार की नाकामी है. बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाना गलत है. यह दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है. दिल्ली सरकार और कोचिंग संचालक ने घटना का अंजाम दिया है. आज हमारी बहन के साथ ऐसा हुआ, कल किसी और बहन के साथ न हो इसके लिए सख्ती के साथ कार्रवाई होनी चाहिए.

विधानसभा में उठायेंगे मामला : विधायक

तान्या की शव पहुंचने से पहले ही नवीनगर के विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह घर पहुंचे और परिजनों को ढांढ़स बंधाया. तान्या को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि घटना बेहद दुखद है. सरकार को इस तरह की कुव्यवस्था पर ध्यान देना होगा. सरकार को मापदंड तैयार करना होगा. बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई मापदंड नहीं है. स्कूल, कॉलेज की क्षमता दस प्रतिशत है और कोचिंग का सौ प्रतिशत यह बिल्कुल गलत है. इस मामले को विधानसभा में उठायेंगे.

RajeshKumar Ojha
RajeshKumar Ojha
Senior Journalist with more than 20 years of experience in reporting for Print & Digital.

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