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झारखंड स्थापना दिवस से पहले नितिन गडकरी देंगे सोन नदी पर पुल का तोहफा,गढ़वा सहित इन राज्यों को मिलेगा लाभ

झारखंड स्थापना दिवस से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी राज्यवासियों को सोन नदी पर पुल निर्माण का ताेहफा देंगे. केंद्रीय मंत्री सोमवार को इसकी आधारशिला रखेंगे. इस पुल के बनने से गढ़वा से डेहरी ऑन सोन की 100 किमी की दूरी कम हो जाएगी.

Jharkhand News: झारखंड स्थापना दिवस से एक दिन पहले लोगों को सोन नदी पर पुल का तोहफा मिलेगा. बिहार के रोहतास जिले के पंडुका एवं झारखंड के गढ़वा जिले के श्रीनगर को मिलाकर सोन नदी में बननेवाले अति महत्वपूर्ण पुल निर्माण की आधारशीला सोमवार (14 नवंबर, 2022) को रखी जायेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इसका शिलान्यास करेंगे.

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झारखंड स्थापना दिवस से पहले नितिन गडकरी देंगे सोन नदी पर पुल का तोहफा,गढ़वा सहित इन राज्यों को मिलेगा लाभ 3

चार राज्यों को जोड़ेगा यह पुल

210.13 करोड़ की लागत से 2.15 लंबा पुल बनाया जाएगा. यह पुल बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश राज्य की सीमा को जोड़ेगा. यह सड़क गढ़वा जिले के नगरउंटारी एनएच-75 से शुरू होकर इस पुल को पार करते हुए बिहार के रोहतास जिला अंतर्गत पंडूका से अकबरपुर एनएच-119 से जुड़ जायेगा. वर्तमान में गढ़वा जिले की दूरी डेहरी ऑन सोन से 165 किलोमीटर है, लेकिन पुल निर्माण के बाद करीब 100 से अधिक किमी की दूरी कम होते हुए यह घटकर 63 किलोमीटर हो जायेगी. इससे गढ़वा जिले में वाहनों का आवागमन बढ़ेगा और बिहार, छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश के बीच भारी वाहनों का परिचालन इस रास्ते से सुगम हो जायेगी. इससे गढ़वा शहर में जो वाहन इन रास्तों में जाने के लिए प्रवेश करती है उसे शहर में लगनेवाले जाम से निजात भी मिल जायेगी. यह पुल गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड अंतर्गत श्रीनगर गांव एवं डेहरी ऑन सोन से दक्षिण करीब 70 किमी दूरी पर स्थित पढ़ुका में बनाया जाना है.

सोमवार को गढ़वा और पलामू वासियों के लिए होगा ऐतिहासिक दिन

रविवार को इसको लेकर पलामू सांसद बीडी राम ने आरके वीएस संस्था में पत्रकारों से बात करते हुए कि सोमवार का दिन गढ़वा एवं पलामू जिलावासियों के लिए ऐतिहासिक होगा. यह पुल जितना बिहार के लिए महत्वपूर्ण है उससे भी कहीं अधिक पलामू एवं गढ़वा जिला सहित झारखंड वासियों के लिए भी है. सांसद ने कहा कि पुल निर्माण की मांग यहां की जनता द्वारा वर्षों से की जा रही थी. इसकी स्वीकृति के लिए वे साल 2014 से ही प्रयासरत थे.

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दो साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य

इस मामले को उन्होंने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान एवं नियम 377 के अंतर्गत कई बार सदन में उठाया है. साथ ही पत्राचार के माध्यम से एवं व्यक्तिगत रूप से भी मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर इस पुल के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया था. इसके फलस्वरूप 15 मार्च, 2021 को सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पुल निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई थी. उन्होंने बताया कि इसे दो साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

गढ़वा से बिहार और उत्तर प्रदेश की दूरी होगी कम

पलामू सांसद ने कहा कि इस पुल के निर्माण से न केवल गढ़वा से बिहार और उत्तर प्रदेश की दूरी कम होगी, बल्कि यहां  से लखनऊ पीजीआई इलाज कराने के लिए जाने वाले को भी काफी सहूलियत मिलेगी. साथ ही कहा कि पलामू संसदीय क्षेत्र के दोनों जिले पलामू एवं गढ़वा से सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज के लिए हर महीने लखनऊ के पीजीआई जाते हैं. इस पुल के निर्माण से न केवल पलामू एवं गढ़वा जिले को लाभ होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाके के लोग भी लाभान्वित होंगे. व्यापार बढ़ने के साथ-साथ रोजगार के नये-अवसर भी उत्पन्न होंगे. उन्होंने कहा कि इस चिर प्रतिक्षित मांग को पूरा करने के लिए वे प्रधानमंत्री एवं मंत्री नितिन गडकरी के आभारी हैं. पत्रकार वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश केसरी, भाजपा नेता अलखनाथ पांडेय, वीरेंद्रनाथ दूबे, चंदन जायसवाल, उमेश कश्यप, संतोष दूबे, मथूरा पासवान आदि उपस्थित थे.

रिपोर्ट : पीयूष तिवारी, गढ़वा.

Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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