खोदावंदपुर. आगामी 48 घंटों में बेगूसराय जिला क्षेत्र में मध्यम वर्षा होने की संभावना है. इस दौरान गरज के साथ बिजली गिरने की भी संभावना है. आगामी 6 अगस्त तक मौषम का अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 27 से 28 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. इस दौरान 8 से 15 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा चलने की भी संभावना जताई गयी है. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्व विद्यालय पूसा के ग्रामीण कृषि मौषम सेवा द्वारा जारी मौषम के पूर्वनुमान से संबंधित बुलेटिन में यह बात कही गयी है. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्व विद्यालय पूसा द्वारा जारी मौषम से संबंधित बुलेटिन के आलोक में खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान सह वरीय वैज्ञानिक डॉ रामपाल ने किसानों को सतर्क किया है. उन्होंने आगामी 10 अगस्त तक धान की रोपनी का कार्य पूरा कर लेने की सलाह किसानों को दिया है. प्रधान कृषि वैज्ञानिक ने 30 से 35 दिन पहले लगाई गईं खरीफ मक्का फसल में कीटों व फफुद होने की संभावना जताते हुए इसकी रोकथाम के लिए 40 किलो नेत्रजन प्रति हेक्टेयर की दर से खेतोँ में व्यवहार करने की सलाह दिया है. ऐसे मौषम में बैगन के पौधों में होने वाले तना छेदक एवं फल छेदक कीटों से बचाव के लिए किसानों को प्रति पौधा 1 ग्राम फ्यूराडान 3 जी दानेदार दवा पौधे की जड़ में मिट्टी में मिलाने की सलाह दी है. वरीय कृषि वैज्ञानिक ने हल्दी, ओल, अदरक के पौधों की निगरानी करने एवं इसे कीटों से बचाने की सलाह दिया है. उन्होने नेनुआ, लौकी, खीरा एवं करैला जैसी लत्तर वाली सब्जियों के पौधों को कीटों से बचाव के लिए मिथाइल यूजिनोल ट्रेप कीट नाशक दवा का छिड़काव करने की सलाह किसानों को दिया है. खरीफ प्याज़ की खेती को बढ़ावा देने की सलाह देते हुए प्रधान कृषि वैज्ञानिक ने प्याज़ की फसल को लगाने से पहले खेतोँ की जुताई के दौरान खेत में 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी हुई गोबर डालने एवं इसके अलावे 60 किलो नेत्रजन, 80 किलो स्फूर तथा 80 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से देने की सलाह दी है. उन्होंने मिर्च की खेती को बढ़ावा देने की सलाह देने हुए किसानों को अपने खेतोँ में मिर्च -3 कृष्णा, अर्का लोहित, पूसा ज्वाला, पूसा सदाबहार, पंजाब लाल, काषी अनमोल जैसी मिर्च के उन्नत प्रभेदों के अलावे अग्नि रेखा, कल्याणपुर चमन, कल्याणपुर चमत्कार, बी एस एस 267 जैसी शंकर किस्म के मिर्च की खेती करने की सलाह दिया है. उन्होंने मिर्च के पौधों की रोपनी से पहले खेतोँ में थीरन 75 प्रतिशत दवा का व्यवहार करने की सलाह दी है. वरीय कृषि वैज्ञानिक ने पपीता की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत बताते हुए किसानों को पूसा डवार्फ, पूसा नन्हा, पूसा डीलीसीयस , सीओ 07 सूर्या एवं रेड लेडी जैसे पपीता के उन्नत प्रभेदो की खेती करने की सलाह दिया है। पपीता की उन्नत खेती के लिए खेतोँ में वैविस्टन -2 दवा प्रति किलोग्राम की दर से व्यवहार करने की सलाह दी है.
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