गढ़पुरा (बेगूसराय) . सरकार हर घर बिजली पहुंचाने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है. गढ़पुरा प्रखंड के मैसना वार्ड संख्या 05 में पिछले आठ वर्षों से बिजली बांस-बल्ले के सहारे आपूर्ति की जा रही है. इस अस्थायी और खतरनाक व्यवस्था के बावजूद अब तक बिजली विभाग ने न तो बिजली के खंभे लगाये और न ही तारों की सुरक्षा की व्यवस्था की है. पीड़ित परिवारों में राजेंद्र वर्मा, राम पदारथ वर्मा और रायजी वर्मा शामिल हैं, जो करीब आठ साल पहले गांव से बाहर मुख्य सड़क के पास बसे. शुरुआत में बिजली विभाग ने कनेक्शन तो दे दिया, लेकिन खंभे नहीं लगाये गये. मजबूरी में इन परिवारों ने बांस बल्ले से बिजली तार लटकाकर अपने घरों तक पहुंचाया. रायजी वर्मा ने बताया कि करीब पांच साल पहले गढ़पुरा जेइ कार्यालय से लेकर मंझौल एसडीओ तक आवेदन दिया गया, लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिला, कार्रवाई शून्य रही. सबसे गंभीर बात यह है कि तेज आंधी-तूफान या बारिश के समय ये तार अक्सर गिर जाते हैं या टूट जाते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. एक पीड़ित दीपक कुमार ने बताया कि डेढ़ माह पूर्व राजेंद्र वर्मा के घर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गयी थी. इस मामले में भी विभाग को आवेदन दिया गया, लेकिन अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया. सभी परिवार नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं, फिर भी सुरक्षित आपूर्ति से वंचित हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि बिजली आपूर्ति जिस पोल से आ रही है, वहां एक हरा पेड़ तारों पर लटक रहा है. इसके लिए भी विभाग को कई बार सूचित किया गया, लेकिन पेड़ काटने की कार्रवाई नहीं हुई. गढ़पुरा के कनीय अभियंता नीरज कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने केवल इतना कहा कि मामले को दिखवा लेंगे. यह जवाब भी विभागीय लापरवाही को ही उजागर करता है. स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि जल्द-से-जल्द बिजली के खंभे लगाये जाएं.
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