Begusarai News: इंदौर की रहने वाली आरती को बेगूसराय जिला मुख्यालय स्थित जागीर मोहल्ला के रहने वाले मोहम्मद शाहबाज से 2017 में फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई. दोस्ती काफी तेजी से आगे बढ़ी और दोनों के बीच लंबी बातें होने लगी. शाहबाज एक ज्वेलरी शॉप पर माला गूंथने का काम करता था. वह वीडियो कॉलिंग से दिखता था कि देखो मेरी अपनी ज्वेलरी की दुकान है. बहुत बड़ा घर है, बस तुम मेरी बन जाओ तो तुम्हें अपना सबकुछ सौंप दूंगा. रानी की तरह हसीना बनाकर रखूंगा.
झूठे दिखावे में फंस गई आरती
आरती भी शहवाज के प्यार के चंगुल में फंस गयी. 2018 में एक दिन वह घर छोड़कर निकल गयी और ट्रेन पकड़ कर आ गयी बेगूसराय. यहां शाहबाज ने उसका जोरदार स्वागत किया. दोनों एक-दूसरे को पाकर खुश थे. दो साल साथ रहने के बाद निकाह भी कर लिया. उसने आरती का नाम भी आरती प्रवीण कर दिया. दोनों साथ-साथ रहने लगे. लेकिन अब जब शाहबाज का मन भर गया तो उसने धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना शुरू कर दिया. गोमांस खाने का दबाव, नमाज और कुरान पढ़ने का दबाव देने लगा.
पुलिस ने अल्पावास गृह में रखा
इन यातनाओं से परेशान आरती दर-दर की ठोकरें खा रही है. वह पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस ने आवेदन देने को कहा. लेकिन वह कोई कानूनी पचड़े में नहीं फंसना चाहती है. सोचती है कि अगर आवेदन दी तो फिर कोर्ट का चक्कर लगाने बेगूसराय आना ही पड़ेगा. इसलिए वह चाहती है कि किसी तरह अपने शहर इंदौर चली जाये, फिर कभी बेगूसराय नहीं आये. फिलहाल आरती को पुलिस ने अल्पावास गृह में रखा है. परिजनों को सूचना दी गयी है, उसके बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा.
क्या-क्या करता है शहवाज
आरती ने बताया, “शहवाज कुछ दिनों से मारपीट करता है, गंदा-गंदा गाली देता है. दहेज के लिए प्रेशर बनाता है, मां-भाई से 100000 रुपया मांगने को कहता है. बहुत गलत-गलत बात बोलता है, कहता है कि धंधा करवाऊंगा. मेरा घर इंदौर है, फेसबुक के माध्यम से मेरा कांटेक्ट हुआ था. तभी मैं उसके बात में यहां आ गयी. यह मुसलमान और हम हिंदू हैं.”
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भगवान का फोटो मोबाइल से डिलीट करवा दिया
आरती ने आगे बताया कि शहवाज जागीर मोहल्ला में सोना चांदी की दुकान पर माला गूंथता है. उसने दिखाया था कि उसके पास बहुत बड़ा घर है, सोने-चांदी की अपनी दुकान है. बहुत खुश रखूंगा. 2018 में आये और 2020 में शादी हुई. मैं हिंदू थी और हिंदू धर्म ही मानती हूं. मैंने धर्म परिवर्तन नहीं किया है. फिर वो कहने लगा कि नमाज पढ़ो, रोजा रखो, कुरान पढ़ो. मेरे मोबाइल में कृष्ण भगवान का फोटो था, वह भी डिलीट कर दिया. उसका कहना है कि मेरे घर में कोई भगवान नहीं चाहिए, सिर्फ मेरे अल्लाह को पूजो.”
पीड़िता ने आगे बताया, “मेरा नाम आरती है, लेकिन उसने आधार कार्ड पर आरती प्रवीण करवा दिया. रोज मारने की धमकी देता है, तीन-चार बार कोशिश कर चुका है, गला दबा देता था, मैं किसी तरह बच गयी. मुझे अपने गांव जाना है, पुलिस मुझे इससे छुटकारा दिला दें. अपने शहर भेज दें. मां-पिताजी भी कांटेक्ट में नहीं हैं. उनके लिए मैं बहुत पहले मर चुकी हूं. हम अकेले अपने शहर में गुजारा कर लेंगे.
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DSP ने क्या बताया
सदर-वन डीएसपी सुबोध कुमार ने बताया कि आरती कार्यालय में आयी थी. हमने उसकी पूरी बात सुनी, वह अब शाहबाज के साथ नहीं रहना चाहती है. अपने घर लौटना चाहती है. लेकिन थाना में लिखित शिकायत करने को तैयार नहीं है. इसके कारण तत्काल अल्पावास गृह में रखा गया है. परिजनों को सूचना दी गयी है, उसके बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा.