बलिया. मतदाता पुनरीक्षण कार्य के समापन और एक अगस्त को मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद बलिया विधानसभा क्षेत्र में गंभीर लापरवाही उजागर हुई है. वर्षों पूर्व जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम अब भी वोटर लिस्ट में दर्ज हैं. यह मामला तब सामने आया जब मतदाता सूची स्थानीय लोगों के हाथ में आयी और कई लोगों ने देखा कि मृत परिजनों के नाम अब भी सूची में मौजूद हैं. यह खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी. पुष्टि होने पर यह सामने आया कि कई मृतकों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं, जिनमें से कुछ की मौत 14 वर्ष पहले ही हो चुकी है. इस लापरवाही से बीएलओ सहित निर्वाचन से जुड़े अधिकारी परेशान हैं. बलिया विधानसभा के प्रथम विधायक ब्रह्मदेव नारायण सिंह की पुत्रवधु किरण देवी ने बताया कि उनके पति प्रेम कुमार उर्फ वरुण बाबू, जो प्रथम व्यापार मंडल अध्यक्ष राम लखन सिंह के पुत्र थे, उनका निधन वर्ष 2024 में हो चुका है. बावजूद इसके उनका नाम सूची में दर्ज है. इसी गांव के अंकित कुमार ने बताया कि उनके पिता अभिनंदन कुमार उर्फ माखो सिंह की मृत्यु 2022 में हो चुकी है. उनके पास मृत्यु प्रमाण पत्र भी मौजूद है, फिर भी उनका नाम मतदाता सूची में पाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि एक दर्जन से अधिक ऐसे नाम सूची में मौजूद हैं, जो मृत हो चुके हैं. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मृतकों के परिजन तक इस प्रक्रिया से अनभिज्ञ थे और किसी बीएलओ ने उनसे संपर्क तक नहीं किया. इस मामले में बीडीओ सह निर्वाची अधिकारी सन्नी कुमार ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा एक माह का समय दावा-आपत्ति के लिए दिया गया है.
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