गढ़पुरा. तीसरी सोमवारी को बाबा हरिगिरिधाम गढ़पुरा में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया. इसकी पुष्टि बखरी एसडीएम सह धाम समिति के अध्यक्ष सन्नी कुमार सौरभ ने की. श्रद्धालुओं के अत्यधिक भीड़ के कारण हरिगिरिधाम में अफरातफरी का माहौल दिखा. भीड़ इतनी अधिक थी कि हरिगिरिधाम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गढ़पुरा से भी आगे हनुमान मंदिर तक महिलाओं एवं पुरुषों का दो अलग-अलग लाइन लग गयी थी जिसको नियंत्रित करने में प्रशासन के पसीने छूट रहे थे. एसडीएम सन्नी कुमार सौरभ एवं डीएसपी कुंदन कुमार खुद पसीने से लथपथ थे. डीएसपी का वर्दी कीचड़ में सना होने के बावजूद वे खाली पैर सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए थे. बताते चलें कि रात्रि के करीब 10 बजे से ही सिमरिया गंगा घाट से कांवरिया का पहुंचना शुरू हो गया था. अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार अहले सुबह तीन बजे ही सार्वजनिक तौर पर पूजा के लिए मंदिर का पट खुलवाया. तबतक कांवरिया का लाइन बेरिकेटिंग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गढ़पुरा तक पहुंच चुका था. हरिगिरिधाम के बाबा भोले पर लोगों के बढ़ते आस्था के कारण दिन प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती ही जा रही है. एसडीएम ने बताया कि तीसरे सोमवारी को दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया है.
जगह-जगह लगाये गये थे निःशुल्क सेवा शिविर :
सिमरिया गंगा घाट से हरिगिरिधाम आने बाले श्रद्धालुओं के लिए जगह जगह सेवा शिविर लगाये गये थे. बीरपुर, सिउरी, जयमंगला गढ़ के समीप, रजौर, मनिकपुर, रक्सी, गढ़पुरा चौक एवं गढ़पुरा बाजार तक दर्जनों जगह सेवा शिविर लगाया गया था. इस शिविर में कांवरिया के लिए गर्म पानी, ठंडा पानी, दूध, केला, चाय के अलावे चोटिल एवं घायल श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध थी. इधर गढ़पुरा चौक के समीप श्री श्याम ट्रेडर्स के संचालक विकास सिंघानिया, उनकी पत्नी बेला सिंघानिया, गढ़पुरा के इंजीनियर दीपांशु सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष कमल किशोर झा के द्वारा करीब तीन हजार से अधिक फ्रूटी के अलावे टॉफी का वितरण कांवरिया के बीच वितरण किया गया था.प्रशासनिक व्यवस्था में थीं कई कमियां :
बाबा हरिगिरिधाम में तीसरी सोमवारी को काफी अधिक भीड़ होती है. इसकी जानकारी होते हुए भी जिला प्रशासन के द्वारा कम संख्या में पुलिस बल दिया गया था. इतना ही नहीं भीड़ नियंत्रण के लिए जगह-जगह पर ड्रॉप गेट बनाये जाते थे और वहां से श्रद्धालुओं को समय समय पर रोक-रोक कर मंदिर की तरफ छोरा करते थे. इससे अचानक एक जगह पर भीड़ एकत्र नहीं होती थी. लेकिन इस बार ड्रॉप गेट नहीं रहने के कारण श्रद्धालु सीधे मंदिर के बैरिकेडिंग तक पहुंचते थे. इसमें लाइन का कोई पता ही नहीं चलता था. पूरे सड़क एक साथ भरकर श्रद्धालु जाते थे फिर बैरिकेडिंग के समीप मात्र दो लाइन बन जाती थी. इस कारण से काफी अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया था. अगर थोड़ी सी भी चूक होती तो बड़ा हादसा भी हो सकता था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है