साहेबपुरकमाल . प्रखंड बीस सूत्री सदस्य एवं संदलपुर निवासी राकेश कुमार उर्फ विकास के अपहरण और हत्या के मामले में फरार चल रहा 50 हजार का इनामी कुख्यात अपराधी डब्लू यादव पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. यह कार्रवाई रविवार शाम उत्तर प्रदेश में एसटीएफ, सिंभावली थाना पुलिस, बिहार पुलिस और बेगूसराय डीआइयू की संयुक्त टीम द्वारा की गयी. एनकाउंटर स्थल से पुलिस ने एक कारबाइन, एक पिस्तौल और कई गोलियां बरामद की हैं. पुलिस के अनुसार डब्लू यादव के खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी और आर्म्स एक्ट के तहत दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे. वह कई बार जेल भी जा चुका था. सोमवार सुबह जब उसकी मौत की खबर फैली, तो दो माह पूर्व हुए राकेश कुमार हत्याकांड की चर्चा एक बार फिर जोर पकड़ने लगी. राकेश के परिवार सहित उसके आतंक का शिकार रहे लोगों में राहत और खुशी का माहौल देखा गया. वहीं डब्लू यादव के समर्थकों में मातम पसर गया. बताया जाता है कि डब्लू यादव मूल रूप से बरौनी का निवासी था. 1990 के दशक में वह वहां से भागकर संदलपुर पंचायत के ज्ञान टोल स्थित अपने ननिहाल आकर रहने लगा. यहीं से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे अपना गिरोह बनाकर क्षेत्र में आतंक फैलाया. डब्लू यादव ने अपराध की आड़ में 2021 के पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी को सरपंच पद का उम्मीदवार बनाया और चुनाव जितवा कर उसे सरपंच बनवाया, लेकिन उसके आपराधिक कृत्यों के कारण उसकी पत्नी को भी जेल जाना पड़ा. वह अभी तक जेल में बंद है. डब्लू यादव की मौत को क्षेत्र में अपराध के एक लंबे दौर के अंत के रूप में देखा जा रहा है. पुलिस को उसकी लंबे समय से तलाश थी और अंततः संयुक्त कार्रवाई में उसका अंत हो गया.
बेटे की मौत के बाद मां ने बहू की रिहाई की लगायी गुहार
कुख्यात अपराधी डब्लू यादव की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद उसके परिवार पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा है. डब्लू यादव पर हत्या, लूट, रंगदारी और डकैती सहित कुल 24 आपराधिक मामले दर्ज थे. 2017 में साहेबपुरकमाल थाना कांड संख्या 63/17 के तहत डब्लू ने गवाही देने पर महेंद्र यादव की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसकी मौत और पत्नी के पहले से जेल में बंद रहने के कारण अब परिवार पूरी तरह असहाय हो गया है. डब्लू की बूढ़ी मां बेटे की मौत की खबर सुनकर बेसुध हो गयी. वह बिलखते हुए पुलिस से बहू की रिहाई की मांग कर रही है, ताकि बच्चों की देखभाल हो सके. परिजनों का कहना है कि पुलिस ने घर तोड़ दिया, सामान कुर्क कर लिया. अब बच्चे कहां रहेंगे और कौन उनकी देखभाल करेगा. डब्लू यादव की चार पुत्रियां और एक पुत्र हैं, जो पिता की मौत से गहरे सदमे में हैं. घर का माहौल पूरी तरह गमगीन है और परिवार पर भविष्य को लेकर संकट गहराया हुआ है.
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