Bihar News: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा अनुमंडल के लक्ष्मीपुर गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब एक घर से लगातार तीन दिनों तक कोबरा सांप निकलते रहे. चौतरवा थाना क्षेत्र के इस गांव में विनोद यादव के घर से अब तक 60 से अधिक जहरीले कोबरा निकाले जा चुके हैं. यह नज़ारा किसी रहस्यमयी फिल्म की कहानी जैसा प्रतीत हो रहा है, लेकिन यह पूरी तरह सच्ची घटना है.
फर्श के नीचे निकला नागों का अड्डा
विनोद यादव के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से रात में उनके घर में कुछ सरसराहट की आवाजें सुनाई दे रही थीं. परिवार ने इसे सामान्य माना, लेकिन जब एक के बाद एक कोबरा दिखने लगे, तब मामला गंभीर हो गया. ग्रामीणों की मदद से जब घर के फर्श की खुदाई की गई, तो जमीन के नीचे एक गहरा बिल मिला जहां कोबरा सांपों का झुंड निवास कर रहा था.
गांववाले बने सांप रेस्क्यू टीम, तीन दिनों तक चला ऑपरेशन
ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए खुद ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. सावधानीपूर्वक कोबरा सांपों को पकड़ा गया और पास के जंगल में छोड़ा गया. यह ऑपरेशन लगातार तीन दिन तक चला. विनोद के अनुसार, ‘हमें डर है कि अभी भी कुछ सांप अंदर छिपे हो सकते हैं. हम घर छोड़कर रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं.’
‘सांपों का घर’ कहे जाने लगा विनोद का मकान, बच्चे डरे-सहमे
यह घर अब गांव में ‘सांपों का घर’ के नाम से जाना जा रहा है. बच्चों को घर के पास खेलने नहीं दिया जा रहा और महिलाओं को भी विशेष सतर्कता बरतनी पड़ रही है. ग्रामीण लगातार चौकसी बनाए हुए हैं.
बारिश और सावन में बढ़ती है सांपों की हलचल
सांप विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और सावन के मौसम में सांप आमतौर पर सूखी, शांत और अंधेरी जगहों की तलाश में इंसानी बस्तियों की ओर रुख करते हैं. लक्ष्मीपुर गांव वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के नजदीक स्थित है, जहां पहले से ही सांपों की कई प्रजातियां मौजूद हैं.
Also Read: बिहार में जमीन के नाम पर राजस्व कर्मी मांग रहे थे रिश्वत, निगरानी विभाग ने रंगेहाथ धर दबोचा