Bihar News: बेतिया. बगहा सिविल कोर्ट के जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने देवर-भाभी हत्याकांड में अभियुक्त अमल उर्फ अमला यादव, कमल यादव एवं हीरा यादव को दोषी पाया गया है. तीनों आरोपितों को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही एक-एक लाख रुपया अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा होगी. कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता सत्येंद्र मिश्र व अभियोजन पदाधिकारी मन्नू राव की दलीलों को सुनने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुनाया. उसके बाद तीनों को पुलिस न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया. कोर्ट का फैसला आने के बाद पीड़ित परिजनों को इंसाफ मिला. परिवार के लोगों ने कोर्ट के फैसला पर आस्था जताया है.
कोर्ट ने समाज के लिए खतरा बताया खतरा
कोर्ट ने दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि तीनों अभियुक्तों पर दोहरे हत्या कांड (झलरी देवी एवं पहवारी यादव की हत्या) का आरोप सिद्ध हुआ है. सभी अभियुक्तों का पूर्ववर्ती आपराधिक इतिहास अभिलेख पर उपलब्ध है, जिसमें इन्होंने पूर्व में भी इसी तर्ज पर चाकू से पेट काटकर अन्य लोगों की भी हत्या की है. इस मामले में एक ही रात में थोड़े अंतराल पर दो बुजूर्गों की धारदार हथियार से अभियुक्तों ने पेट काटकर हत्या किया है. ऐसे अपराधी को समाज में खुले में नहीं छोड़ा जा सकता.
धनहा थाने में दर्ज हुआ था मामला
पांच जून, 2023 को बनारसी यादव ने अपनी मां झलरी देवी एवं चाचा पहवारी यादव की हत्या के संबंध में अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध धनहा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसमें पुलिस ने जांच उपरांत अमल उर्फ अमला यादव, कमल यादव एवं हीरा यादव को गिरफ्तार किया. इन लोगों पर पूर्व से अनेक आपराधिक मामले दर्ज हैं. कमल यादव का आपराधिक इतिहास धनहा थाना कांड सं० 232/22, 81/23, 121/23, 105/23 दर्ज है. अमला यादव का आपराधिक इतिहास धनहा थाना कांड सं० 232/22, 105/23 व 121/23 दर्ज है. वहीं हीरा यादव पर धनहा थाना कांड सं0 232/22 , 81/23, 121/23, 105/23 दर्ज है. इस मामले में भी इनके ऊपर चाकू से पेट फारकर दोहरी हत्या करने का आरोप सिद्ध हुआ.
आइओ, डॉक्टर, समेत नौ की गवाही बना साक्ष्य
उच्च न्यायालय, पटना द्वारा क्रिमिनल मिसलेनियस संख्या 29489/2025 में 20 जून 2025 तक इस मामले को स्पीडी ट्रायल चलाकर निस्तारित करने का आदेश था. जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने गंभीरता से लेकर सुनवाई शुरू किया तो आइओ पटना के कदमकुआं के थानेदार अजय कुमार को अरेस्ट कर लाने का आदेश भी जारी किया गया. तो वे कोर्ट पहुंचकर अपनी गवाही दर्ज कराये. इस कांड में सूचक, डॉक्टर समेत नौ लोगों की गवाही के बाद कोर्ट ने घटना को सच पाया.