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स्कूली शिक्षा प्रबंधन में लचरता और सुविधा संसाधन की कमी पर शिक्षा विभाग सख्त

स्कूली शिक्षा प्रबंधन में लचरता और सुविधा संसाधन की कमी पर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है.

बेतिया. स्कूली शिक्षा प्रबंधन में लचरता और सुविधा संसाधन की कमी पर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है. सभी सरकारी विद्यालयों की बुनियादी सुविधाओं और शिक्षक शिक्षिकाओं की उपलब्धता को लेकर गंभीरता बढ़ाई है. आगामी 15 अगस्त के पहले सभी सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश जारी हुआ है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस बाबत निर्देश जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि आगामी स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त से पहले सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं. पत्र में यह भी लिखा गया है कि सरकारी स्कूलों को सुविधायुक्त बनाने के विभाग के प्रयासों के बावजूद निरीक्षण में कई कमियां मिली हैं, जबकि बुनियादी सुविधाओं के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों के माध्यम से 50-50 हजार की राशि दी गई है. स्वतंत्रता दिवस पर विद्यालय परिसर में स्वच्छता और बुनियादी सुविधाओं से संबंधित तस्वीरें ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है.सभी सरकारी स्कूलों की कक्षाओं में पर्याप्त संख्या में बल्ब, ट्यूब लाइट और पंखे चालू हालत में हों. उन्होंने लिखा है कि निरीक्षण में पेयजल के लिए निर्मित वाटर पोस्ट के सभी नल खराब मिले. शौचालयों में रनिंग वाटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.कई स्कूलों के शौचालयों में मिट्टी भरी मिली. सभी स्कूलों में बालक एवं बालिकाओं के लिए तीन-तीन शौचालय और महिला शिक्षिकाओं के लिए भी अलग से शौचालय की व्यवस्था का आदेश दिया है. स्कूलों के गलियारों में बेतरतीब तरीके से रखे टूटे फर्नीचर और कबाड़ हटाने का निर्देश दिया है. 15 दिनों के भीतर न्यूनतम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश अपर मुख्य सचिव ने अभियान चलाकर 15 दिनों के भीतर प्रत्येक विद्यालय में न्यूनतम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.यह अभियान सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की देखरेख में चलेगा. इसके तहत प्रत्येक विद्यालय को उपलब्ध कराई गई 50 हजार की राशि से विद्युतीकरण किया जाएगा.कक्षाओं में पर्याप्त संख्या में बल्ब, ट्यूबलाइट और पंखे लगाए जाएंगे.वाटर पोस्ट के सभी नलों की मरम्मत की जाएगी. शौचालयों को उपयोग योग्य बनाया जाएगा और उनमें बहते पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. बेंच और डेस्क के रखरखाव की उचित व्यवस्था होगी. आईसीटी और स्मार्ट क्लास का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा. ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि बच्चों की कक्षा कमरे में ही संचालित हो. इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक विद्यालय में आकस्मिकता मद में 50 हजार की राशि उपलब्ध हो.

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