बगहा. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बगैर निबंधन के संचालित हो रहे नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड जांच घरों पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. ताकि बगैर निबंधन के नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड जांच घरों पर अंकुश लगाया जा सके. हालांकि अवैध नर्सिंग होम में अकुशल झोला छाप डॉक्टरों द्वारा भोले-भाले मरीजों को सस्ते इलाज के नाम पर मरीजों का सिजेरियन के साथ साथ बड़े-बड़े ऑपरेशन कर मोटी रकम की कमाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं. भगवान भरोसे मरीज बच गए तो ठीक नहीं तो झोलाछाप के इलाज के साथ ऑपरेशन से अभी तक दर्जनों मरीजों की जान जा चुकी है. जिसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के आलोक में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने क्षेत्र में जांच करते हुए बगैर निबंधन के नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड जांच घरों को चिन्हित कर उसे तलब करे और उसकी जांच करने का निर्देश दिया गया है. इसी क्रम में पीएचसी हरनाटांड़ बगहा दो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश सिंह नीरज ने विभागीय निर्देश के आलोक में पीएचसी हरनाटांड़ व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बगहा दो अंतर्गत करीब एक दर्जन नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड जांच घरों को चिन्हित कर नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड जांच घर संचालकों से संचालन से संबंधित आवश्यक कागजातों की मांग किया है. साथ ही सभी से एक सप्ताह के अंदर पीएचसी कार्यालय में रिपोर्ट सुपुर्द करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड जांच घरों में क्रमश: आशीर्वाद अल्ट्रासाउंड सेंटर, ओम अल्ट्रासाउंड, महावीर अल्ट्रासाउंड, श्रेया अल्ट्रासाउंड, आद्या अल्ट्रासाउंड, मां अन्नपूर्णा अल्ट्रासाउंड, श्री साई अल्ट्रासाउंड आदि शामिल हैं. वही पीएचसी प्रभारी ने बताया कि सभी नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड जांच घर संचालकों को स्पष्ट शब्दों में पत्र जारी करते हुए जवाब तलब किया है और पत्र नोटिस प्राप्ति के एक सप्ताह के अंदर आवश्यक कागजातों का साक्ष्य संलग्न के साथ अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में जमा करना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. समय से जमा नहीं करने की स्थिति में कार्यालय यह मान लेगा कि आपके पास किसी तरह का कोई भी साक्ष्य उपलब्ध नहीं है. जिसके बाद आपके संस्थान को सील करते हुए प्राथमिकी दर्ज की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी.
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