– बारिश से खिले चेहरे, लेकिन खाद नहीं मिलने से मायूस हो रहे किसा बेतिया . लंबे समय से अनावृष्टि की मार झेल रहे बेतिया और आसपास के क्षेत्रों में सावन की बारिश ने किसानों को बड़ी राहत दी है. इस बारिश ने न केवल खेतों को नमी प्रदान की, बल्कि धान की बिचड़ों को भी नया जीवन दिया. सूखे के कारण खराब हो रही फसलों को इस बारिश ने संजीवनी प्रदान की है. किसानों के चेहरों पर अब उम्मीद की किरण नजर आ रही है, लेकिन यूरिया की किल्लत ने उनकी खुशी को आधा कर दिया है. पिछले कुछ हफ्तों से क्षेत्र में बारिश की कमी के कारण किसान चिंतित थे. धान की बिचड़ों के सूखने का खतरा मंडरा रहा था, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिरने की आशंका थी. किसान पंपसेट या नहरों के सहारे अपने बिचड़ो को जिंदा रख पाने में सफल होने का प्रयास कर रहे थे. इसी बीच रविवार को हुयी झमाझम बारिश ने मौसम को सुहाना बना दिया. खेतों में पानी भरने से धान की बिचड़ों की स्थिति में सुधार हुआ है, और किसानों ने राहत की सांस ली है. स्थानीय किसान राम प्रसाद यादव ने बताया, इस बारिश ने हमारे खेतों को बचा लिया. अब फसल की उम्मीद जगी है, लेकिन यूरिया की कमी हमें परेशान कर रही है. यूरिया की किल्लत ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जैसे ही यूरिया उपलब्ध होने की सूचना मिलती है, किसान सुबह पौ फटते ही दुकानों पर लंबी कतारों में खड़े हो जाते हैं. कई बार घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है. कृषि विभाग के सलाहकार और समन्वयकों की देखरेख में यूरिया का वितरण किया जा रहा है, लेकिन कालाबाजारी की समस्या अब भी बरकरार है. कुछ दुकानदार और बिचौलिये अधिक कीमत वसूल कर यूरिया बेच रहे हैं, जिससे गरीब किसानों की मुश्किलें और बढ़ रही हैं. कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यूरिया की आपूर्ति को सुचारू करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी किसानों को समय पर यूरिया मिले. कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि, स्थानीय किसानों का कहना है कि कालाबाजारी पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाई है. किसान नेता हृदयानंद सिंह ने सरकार से मांग की है कि यूरिया की आपूर्ति बढ़ाई जाए और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई हो. उन्होंने कहा, बारिश ने तो राहत दी, लेकिन बिना यूरिया के फसल की पैदावार प्रभावित होगी. क्षेत्र के किसान अब सरकार और प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनकी इस समस्या का जल्द समाधान होगा. इस बीच, सावन की बारिश ने खेतों को हरा-भरा कर दिया है, लेकिन यूरिया की कमी ने किसानों की चिंता को कम नहीं होने दिया. सरकार और प्रशासन को इस दिशा में त्वरित कदम उठाने की जरूरत है, ताकि किसानों की मेहनत रंग लाए और उनकी फसलें लहलहाएं. —————————–
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