हरनाटांड़. भवन नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद कर विधानसभा चुनाव बहिष्कार करने का ग्रामीण ऐलान कर रहे हैं. इसको लेकर बुधवार को बगहा दो प्रखंड अंतर्गत देवरिया-तरुअनवा पंचायत के थारू आदिवासी बाहुल्य देवरिया-तरुअनवा के जनसभा में एकजुट ग्रामीणों ने हुंकार भरी है. भवन नहीं तो वोट नहीं का क्या है मामला देवरिया-तरूअनवा पंचायत के लोग विगत एक वर्ष से प्लस टू विद्यालय में भवन निर्माण के लिए डीएम, डीईओ से गुहार लगा रहे हैं. मगर आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है. थके हारे ग्रामीणों ने बुधवार को देवरिया विद्यालय परिसर में एक बैठक कर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मांगे पूरी नहीं होने पर वोट बहिष्कार या नोटा दबाकर अपनी नाराजगी जताने की शपथ ली. ग्रामीणों का आरोप है कि टेंडर और वेंडर के खेल में स्कूल भवन निर्माण अधर में लटका हुआ है. हालांकि इसको लेकर प्रधान शिक्षक समेत ग्रामीणों ने डीईओ समेत डीएम तक कई बार लिखित शिकायत किए है. बावजूद इसके महज आश्वासन हाथ लगे है. लिहाजा थक हार चुके ग्रामीणों का सब्र का बांध अब टूट गया है और छात्रों व शिक्षकों की समस्याओं को लेकर पूरा गांव एक मंच पर इकट्ठा हो गया है. तभी तो लोग स्कूल भवन नहीं तो वोट नहीं देने की शपथ ले रहे है. जनता दरबार तक लगाई गई थी फरियाद डीएम के जनता दरबार तक फरियाद लगाई है. विभाग ने संज्ञान भी लिया और वेंडर को टेंडर का जिम्मा सौंप दिया गया है. अब तो न वेंडर का पता है और ना ही टेंडर लिए निर्माण एजेंसी या ठेकेदार ही नजर आ रहे हैं. महीनों से अधर में लटके निर्माण कार्य से गुस्साए लोग ठेकेदार और जेई की तलाश कर रहे हैं. लिहाजा अब एकजुटता का परिचय देकर सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए पंचायत बुलाई गई है. जहां एक स्वर में सबों ने विद्यालय भवन नहीं तो वोट नहीं का शपथ लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर विधानसभा चुनाव में वोट देने जाएंगे तो नोटा बटन दबायेंगे. हाई स्कूल में अपग्रेड के बाद भी नसीब नहीं हुआ भवन बता दें कि नेपाल सीमा पर स्थित थरूहट की राजधानी हरनाटांड़ से सटा और घिरा हुआ अतिपिछड़ा इलाका बगहा 2 प्रखंड के देवरिया-तरुअनवा स्थित वर्ष 1969 में स्थापित विद्यालय है. जो 10 प्लस 2 हाई स्कूल में अपग्रेड हो गया है. लेकिन हैरत की बात है अब तक भवन नसीब नहीं हुआ है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने यह ठाना है कि जब तक स्कूल भवन निर्माण नहीं करवाया जाता है तब तक पूरे पंचायत से सभी लोग चुनाव में नोटा का बटन दबाकर सिस्टम पर प्रहार करेंगे. पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ना काफी कष्टदायक विद्यालय परिसर में आम के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ रही नवम वर्ग की नंदनी कुमारी,अर्चना कुमारी, सुमन कुमारी, रचना कुमारी ने बताया कि खुले में पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ना काफी कष्टदायक है. गर्मी में हवा के साथ लू चलती है. जबकि ठंड में शीतलहर से तबीयत खराब हो जाती है. छात्राओं ने बताया कि अचानक बारिश होने पर किताबें समेट भागकर बरामदे में जाते है. इस दरम्यान कभी-कभार तो कई छात्राएं गिरकर जख्मी हो जाती हैं. किताबें भीग जाती हैं. आश्वासन के आठ माह बीतने के बाद भी नहीं हुआ समाधान बैठक में उपस्थित सैकड़ों महिलाओं व पुरुषों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पंचायत में स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय को विभाग द्वारा अपग्रेड कर प्लस टू विद्यालय बना दिया गया है. जबकि मूलभूत सुविधाएं जस की तस है. प्रथम वर्ग से लेकर प्लस टू तक के 561 छात्र-छात्राओं के लिए महज 7 कमरे हैं. जिनमें एक पुराना व जर्जर स्थिति में है. विद्यालय परिसर में विगत वर्ष दो कमरों के भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया. जिसको छत तक पहुंचाने के बाद ठेकेदार द्वारा कार्य बंद कर दिया गया है. इसके बाद स्थानीय ग्रामीण बीआरसी, डीईओ व डीएम से गुहार लगाए. जहां से आश्वासन तो मिला मगर आठ माह बीतने के बाद भी समाधान नहीं हुआ. बैठक की अध्यक्षता रामकवल काजी व संचालन पूर्व शिक्षक बेतीलाल काजी ने किया. मौके पर तेज प्रताप काजी, शिवनारायण खतईत, घनश्याम महतो, जयप्रकाश पटवारी, बिंदालाल महतो, सत्येंद्र ओजहिया, कृष्ण मोहन काजी, प्रेमनाथ ओजहिया, द्वारिका पटवारी, हरिहर काजी, समाजसेवी व गुमास्ता समेत सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष मौजूद रहे.
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