नरकटियागंज. जब शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक मगंलवार को महावीरी अखाड़ा का शोरगुल था, हर जगह मेले लगे हुए थे. वहीं शिकारपुर थाना क्षेत्र के बहुअरवा खुर्द गांव में एक साथ दर्जनभर बच्चियों के अपहरण की साजिश रची जा रही थी. पहले से सारी प्लानिंग तैयार थी. महज घटना को अंजाम देना बाकी था. मकसद साफ था कि मेला को लेकर इतनी भीड़ होगी कि कोई कुछ समझ नहीं पाएगा और सारा काम आसान हो जाएगा. हालांकि बच्चियों ने जिस तरह सूझबूझ दिखाई, उसने न केवल उन्हें नरक जैसी ज़िंदगी से अपने को बचा लिया, बल्कि मानव तस्करी के एक खौफनाक जाल को भी बेनकाब कर दिया. मंगलवार की शाम मेला घूमने निकलीं ये मासूम बच्चियां ज़रा सी चूक कर बैठतीं तो शायद फिर कभी अपने घर न लौट पातीं. लेकिन उनकी मासूमियत ही उनकी सबसे बड़ी ताक़त बन गई.
पैसे के लालच में फंसाने की कोशिश, मासूमों ने नहीं खोई हिम्मत
गांव का ही युवक हसमुद्दीन मियां इन बच्चियों को पहले पैसे देने का लालच देकर मेला से दूर सुनसान जगह ले जाने की कोशिश करने लगा. वहां पहले से काले रंग की एक संदिग्ध गाड़ी खड़ी थी. संभवतः उसी में बच्चियों को बैठाकर किसी बड़े मानव तस्करी नेटवर्क को सौंपने की साजिश थी. कई बच्चिया 20 रूपये की लालच में गन्ने के खेत में पहुंचकर हाथ पैर बंधवा ली थी. लेकिन दो मासूम बच्चियों ने निडर होकर विरोध किया. एक बच्ची ने आरोपी के हाथ पर दांत काटा और शोर मचाया और गांव पहुंचकर सारी बात बताई.
गांव में तनाव, लेकिन पुलिस ने दिखाया मानवीय चेहरा
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घटना के बाद गांव में भारी तनाव फैल गया. परिजन और ग्रामीण जब आरोपित के घर पहुंचे तो वह फरार हो चुका था. दो पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए, जिससे मामला और बिगड़ सकता था. लेकिन पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए न केवल गांव में शांति बहाल की, बल्कि रेल ओवरब्रिज से आरोपी को गिरफ़्तार भी कर लिया. थानाध्यक्ष ज्वाला कुमार सिंह ने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है.
ग्रामीण बोले गांव में हसमुद्दीन के घर की स्थिति संदिग्ध
घटना के बाद अपहृत हुए बच्चे के अभिभावकों में आक्रोश है. बच्चियों के परिजनों को कहना है कि आरोपित के घर पर कई महिलांए पूर्व में आ चुकी है. वे रिश्तेदार बताते हैं. लेकिन उनकी हरकत हमेशा से संदिग्ध रही है. ग्रामीण किसी अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं.
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