Bihar Floods: बिहार के मुंगेर और सुपौल गंगा का जलस्तर घट रहा है और गुरुवार की शाम मुंगेर में जलस्तर 38.40 पर पहुंच कर स्थिर हो गया. लेकिन बाढ़ से अभी ग्रामीणों और किसानों की परेशानी कम नहीं हुई है. सदर प्रखंड के दियारा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है और ग्रामीण गांवों में कैद हो गये हैं. जिनके आवागमन का एक मात्र साधन भाड़े का नाव है. जिसके माध्यम से लोग राशन-पानी का जुगाड़ कर रहे हैं. जबकि बरियारपुर और खड़गपुर प्रखंड के भी आधे दर्जन से अधिक गांवों का सड़क संपर्क भंग है. दियारा और करारी क्षेत्रों के हजारों एकड़ खेतों में लगी फसल को बाढ़ ने बर्बाद कर दिया है. जिसके कारण किसान परेशान है.
38.40 मीटर पर स्थित है वाटर लेबल
पिछले तीन दिनों से गंगा के जलस्तर में गिरावट दर्ज किया जा रहा है और 38.56 मीटर से घट कर गुरुवार की शाम 6 बजे मुंगेर में गंगा का जलस्तर 38.40 मिनट पर स्थित हो गया. आपदा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह में वाटर लेबल 38.50 पर था. जिसमें शाम छह बजे तक 10 सेंटीमीटर गिरावट दर्ज किया गया और 38.40 मीटर पर वाटर लेबल स्थिर हो गया. जो खतरे के निशान 38.33 से 7 सेंटीमीटर ऊपर है.
दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क भंग
बाढ़ का असर दियारा क्षेत्र के गांवों में देखने को मिल रहा है. सदर प्रखंड के गंगा पार जाफर नगर, कुतलुपुर, टीकारामपुर पंचायत दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है. क्योंकि सड़क बाढ़ के पानी से भरा हुआ है. जो जरूरी कामों के लिए भाड़े के नाव की सवारी कर रहे है और राशन-पानी का जुगाड़ कर रहे है. कुतलुपुर पंचायत के जमीन डिगरी, बहादुर नगर, कचहरी टोला सहित अन्य गांव बाढ़ से घिरा हुआ है. कई घरों में पानी भी प्रवेश कर गया है. यहां के लोग चिचिहाई पुल पर नाव पकड़ कर बेगूसराय के बलिया व पचवीर बाजार जाकर राशन पानी का जुगाड़ कर रहे हैं. टीकारामपुर के देवनंदन मंडल टोला, जगदीश मंडल टोला, चंडी महतो टोला, आदर्श ग्राम, लालू महतो टोला,इग्लिश शिव टोला एक तरफ से गंडक व दूसरी तरफ से गंगा के पानी से घिरा हुआ है. लोग नाव का सहारा लेकर खगड़िया के मानसी बाजार से सामानों की खरीदारी कर रहे है. जाफनगर पंचायत के गांव भी बाढ़ से घिरा हुआ है और लोग गांवों में कैद है.
सैंकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद
सदर प्रखंड व बरियारपुर प्रखंड के दियारा और करारी चौर में बाढ़ का पानी भर गया है. जबकि खड़गपुर प्रखंड के कई सैकड़ों एकड़ खेत में पानी भरा हुआ है. बाढ़ के कारण इन तीनों प्रखंडों में हजारों एकड़ खेतों में लगी मक्का, परवल सहित अन्य लत्तीदार सब्जी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. जबकि पशु चारा के लिए लगाये फसल भी डूब गये है. जिसके कारण किसान व पशुपालक काफी परेशान है.
कोसी नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि से हड़कंप
वीरपुर से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में बुधवार रात तेज बढ़ोतरी देखी गयी. रात करीब आठ बजे कोसी का जलस्तर बढ़कर 01 लाख 94 हजार 635 क्यूसेक तक पहुंच गया. इससे कोसी बराज के 56 में से 26 फाटकों को खोलना पड़ा. हालांकि राहत की बात यह रही कि रात के बाद जलस्तर में गिरावट आने लगी और गुरुवार शाम 04 बजे तक यह घटकर 01 लाख 34 हजार 285 क्यूसेक पर स्थिर हो गया. फिलहाल बराज के 18 फाटक खुले हुए हैं. वहीं, बराहक्षेत्र (नेपाल) में कोसी का जलस्तर 94 हजार 775 क्यूसेक दर्ज किया गया है, जिसे इस वर्ष का सर्वाधिक जलस्तर माना जा रहा है. महज छह घंटे में जलस्तर में करीब 62 हजार क्यूसेक की वृद्धि दर्ज की गयी, जो कोसी नदी के स्वभाव के अनुसार अत्यंत संवेदनशील स्थिति मानी जाती है.
जलस्तर घटने के बाद कटाव की आशंका
जलस्तर घटने के बाद कटाव की आशंका बढ़ जाती है. इसी क्रम में, पूर्वी कोसी तटबंध प्रमंडल 02 के 04 किमी से 5.30 किमी के बीच स्थित कनेक्टिंग बांध की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो गयी थी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फ्लड फाइटिंग फोर्स के चेयरमैन के परामर्श व बाढ़ नियंत्रण एवं जल निःसरण विभाग के मुख्य अभियंता के निर्देश पर तत्काल राहत व मरम्मत कार्य कर स्थल को सुरक्षित किया गया. मुख्य अभियंता ई वरुण कुमार ने बताया कि जलस्तर में अचानक तेज बढ़ोतरी जरूर हुई, पर फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. दोनों ही तटबंधों के स्पर व स्ट्रक्चर पूरी तरह सुरक्षित हैं. मौके पर कर्मी तैनात हैं और हर क्षण स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.
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