ब्रजेश/ Bihar News: भागलपुर मसाढ़ू गांव गंगा के कटाव के मुहाने पर है. सबौर प्रखंड क्षेत्र के इस गांव के गंगा में विलीन होने की संभावना है. जबकि, गांव के करीब 100 घर गंगा में पहले ही समा चुके हैं. लोगों ने मेहनत मजदूरी कर जिस घर को बनाया था, वह उस आशियाना को तोड़कर यहां से पलायन होने को मजबूर हैं. यह देख मुख्यालय ने बचाव कार्य को मंजूरी दी है. बचाव का कार्य बाढ़ नियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर ठेका एजेंसी के माध्यम से करायेगा. इस पर करीब 26 करोड़ 22 लाख रुपये खर्च होंगे. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो मई के प्रथम सप्ताह से बचाव कार्य शुरू होने लगेगा. दरअसल, पिछली बार बाढ़ की विभीषिका को देख लग नहीं रहा था कि गांव सुरक्षित रह सकेगा. मसाढ़ गांव के लोग अपना आशियाना बचाने में असमर्थ हो गये थे. लोग अपना ईट बचाने में जुटे हुए थे.
गंगा में कटाव से होने वाले नुकसान
- गंगा का जलस्तर बढ़ने से सड़क और रेल मार्ग बंद हो जाता हैं.
- खतरे के निशान से ऊपर जाने पर गांवों में बाढ़ आ जाती है.
- बाढ़ से कई इलाकों में पानी भर जाता है.
- कटाव से घर गंगा में विलीन हो जा रहा है.
बचाव कार्य पूरा करने के लिए डेडलाइन 15 जून तय
बचाव कार्य के लिए मुख्यालय ने डेडलाइन तय कर दिया है. बाढ़ नियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर को हर हाल में बचाव कार्य 15 जून तक पूरा कराना अनिवार्य किया है. इसको ही ध्यान में रखकर ठेका एजेंसी बहाल की जा रही है. इसके लिए निविदा जारी की गयी है. 22 अप्रैल को निविदा खोल कर एजेंसी बहाल की जायेगी. साथ ही उन्हें मुख्यालय द्वारा तय डेडलाइन पर कार्य पूर्ण कराना अनिवार्य बता दिया जायेगा.
गांव को बचाने के लिए होगा कटाव निरोधक कार्य
मसाढ़ू गांव को गंगा में विलीन होने से बचाने के लिए कटाव निरोधक कार्य होगा. गांव के मुहाने पर जिओ बैग डाला जायेगा. गेबियन कार्य होगा जो कटाव को रोकने में मदद करेगा. ढलान को बनाए रखने में सार्थक साबित होगा. स्ट्रीम बैंक और खड़ी ढलान वाले क्षेत्रों में ज्यादातर इस कार्य को कराया जाता है.
कटाव से बचाव कार्य के लिए रोजाना काम करेंगे 400 मजदूर
विभाग का दावा है कि डेडलाइन 16 जून तक कटाव निरोधक कार्य को पूरा करने के लिए रोजाना 400 मजदूरों से काम लिया जायेगा. युद्धस्तर पर कार्य कराये जाने से डेडलाइन पर काम पूरा हो सकेगा. यह कार्य को पूरा करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि, डेडलाइन के बाद से बरसात का मौसम आ जायेगा और गंगा का जलस्तर बढ़ना शुरू हो जाता है.
चांय चक को बचाने पर खर्च होंगे 9.5 करोड़
मसाढ़ू के ठीक सटे गांव चांय चक में बचाव कार्य कराया जायेगा. यह काम अगले दो दिनों में शुरू होगा. बाढ़ नियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर ने ठेका एजेंसी बहाल कर ली है. मुजफ्फरपुर की एजेंसी यह कार्य करेगी. इस पर करीब 9.5 करोड़ खर्च होंगे. इस चयनित एजेंसी के लिए मई के आखिरी सप्ताह में कार्य पूर्ण करना अनिवार्य होगा. यह गांव भी गंगा कटाव के मुहाने पर है. बताया जा रहा है कि इस बार तैयारी से गांव आगामी बाढ़ में सुरक्षित रह सकेगा. गंगा में विलीन होने की संभावना काफी हद तक कम होगी.
क्या बोले अधिकारी
भागलपुर के बाढ़ नियंत्रण कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश मसाढ़ू गांव के बचाव कार्य को मंजूरी मिल गयी है. एजेंसी चयन की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गयी है. 16 जून तक कार्य पूर्ण करना तय हुआ है. बचाव कार्य युद्ध स्तर पर कराया जायेगा. इसके ठीक सटे गांव चांयचक के लिए एजेंसी बहाल कर ली गयी है. अगले दो दिनों में बचाव कार्य शुरू हो जायेगा.