Bihar News: भागलपुर के दीपनगर से लेकर बूढ़ानाथ चौक के बीच रविवार को एक सांड इतना आक्रमक हो गया कि चौपहिया लग्जरी वाहनों पर हमला करने लगा. कई गाड़ियों पर हमला कर दिया. इससे स्थानीय लोगों ने वाहनों को दूसरी ओर से जाने का अनुरोध किया. जब सांड शांत होकर दूसरी ओर चला गया, तब वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से शुरू हुई. लाजपत पार्क व मोक्षदा स्कूल के पास भी सांड व गाय से लोग आतंकित रहे. यह स्थिति दिन की रही. रात में तो लगभग सभी सड़कों पर कुत्तों का झुंड डेरा जमा लेता है. जहां पैदल क्या दोपहिया वाहन से गुजरने में भी डर लगता है.
पालतु मवेशियों को सड़क पर छोड़ रहे लोग
शहर की गलियों व सड़कों पर चरते इन पशुओं में आम लोगों की पालतू गायें भी हैं, जिनके दूध का व्यापार तो वह करते हैं, लेकिन पूरा शहर ही उनके लिए खटाल (गुहाल) है. इन आवारा पशुओं के कारण वर्षों से हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद न तो नगर निगम की आंखें खुल रही है और न ही हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है.
कई बार नगर निगम सामान्य बोर्ड की बैठक में हो चुका प्रस्ताव पारित, बजट में है प्रावधान
नगर निगम के बजट में आवारा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए लाखों का बजट पास किया गया है. इसके अलावा आमलोगों की शिकायतों पर पार्षदों ने सामान्य बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित कराया है. इसके लिए दो-तीन स्थानों जैसे मंदरोजा, नाथनगर आदि स्थानों पर कांजीहाउस की जमीन भी पड़ी हुई है. बावजूद इसके नगर निगम इसका उपयोग नहीं कर पा रहा है.
केस स्टडी-1
प्रोफेसर की गयी थी जान
मारवाड़ी कॉलेज के साइंस के प्रोफेसर कपिलदेव सिंह की मौत का कारण एक आवारा पशु ही बना था. वर्ष 2004 में कॉलेज के पास ही एक सांड ने उन पर हमला बोल दिया था. अचानक हमले से वह खुद को बचा नहीं पाये और दुर्घटना में उनकी जान चली गयी.
केस स्टडी-2
निगम भी खो चुका है अपना कर्मी
नगर निगम के एक कर्मी की जान भी आवारा पशु ने ले ली थी. निगम में तहसीलदार रहे आनंदी सिंह को वर्ष 2007 में एक आवारा पशु ने बेतरतीब तरीके से दौड़ाते हुए बुरी तरह घायल किया और उठा के पटक दिया था. जिस वजह से उनकी अप्राकृतिक मौत हो गयी.
केस स्टडी-3
गली में दुबक कर बचायी थी जान
आकाशवाणी चौक से नगर निगम की ओर जाने वाली सड़क पर बीए के छात्र अनुज कुमार अप्रैल 2014 में आवारा पशु के हमले से बचे थे. सड़क से गुजर रहे अनुज पर अचानक एक आवारा पशु ने दौड़ते हुए हमला बोल दिया था. घायल अनुज बड़ी मुश्किल से वह एक गली में दुबक कर अपनी जान बचा पाये थे.
केस स्टडी-4
जान जाते-जाते बची थी
टीएनबी कॉलेज कैंपस में हाल ही में एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की जान जाते-जाते बची थी. प्राचार्य आवास में कार्यरत भुवनेश्वर मंडल को एक गाय ने अपनी सींग से उठा कर पटक दिया था और जमीन पर पड़े कर्मचारी के ऊपर चढ़कर खड़ा था. कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया था.
Also Read: Bihar News: बरनार जलाशय बनने की राह नहीं है आसान, अभी खड़ी हैं कई मुश्किलें