अमित झा/ साल 2024 में भारत के नियंत्रक एवं महापरीक्षक टीम ने मुंगेर विश्वविद्यालय (Munger University) के वित्तीय कार्यों का ऑडिट किया था. इसमें कैग टीम ने 3.70 करोड़ रुपये एडवांस जारी होने के बावजूद उसका समायोजन नहीं करने समेत कुल 40 से अधिक बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज करायी थी. इसके साथ ही यह टिप्पणी की थी कि जिस व्यक्ति के नाम से एडवांस जारी किया गया तथा उन्होंने पूर्व में प्राप्त एडवांस का समायोजन नहीं कराया है. उनके नाम पर विश्वविद्यालय ने दोबारा एडवांस राशि स्वीकृत कर दी है. हालांकि इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एडवांस प्राप्त करने वाले अधिकारियों तथा कर्मियों को जल्द से जल्द समायोजन कराने का निर्देश दिया. इसमें कॉलेजों द्वारा एडवांस समायोजन के लिए दस्तावेज तो विश्वविद्यालय को सौंप दिया, लेकिन कई अधिकारी व कर्मी अबतक अपने एडवांस राशि का समायोजन नहीं किये हैं.
खेल विभाग पर उठता रहा है सवाल
विश्वविद्यालय अपने स्थापना के बाद से ही अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिता में अपने यहां के चयनित खिलाड़ियों को भेजने के लिए एडवांस राशि जारी करता रहा है. यहां तक कि कई बार कई स्पर्धाओं के खिलाड़ी अपने खर्च पर प्रतियोगिता में शामिल होते रहे हैं. खेल प्रतियोगिता से लौटने के बाद खिलाड़ी बिल भी विश्वविद्यालय में जमा किये, पर चार-पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें अब तक उनके खर्च का भुगतान नहीं किया गया है. खिलाड़ियों के बकाया राशि भुगतान का मुद्दा 29 मार्च को संपन्न सीनेट की बैठक में भी सदस्यों ने उठाया था. इस पर कुलपति ने कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी गयी. वे जल्द ही खिलाड़ियों के बकाया राशि का भुगतान कराएंगे.
जल्द एडवांस समायोजन का निर्देश
कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि एडवांस समायोजन को लेकर कुछ दिन पहले भी सभी लोगों को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया गया था. जिन कॉलेजों को परीक्षा केंद्र को लेकर एडवांस दिया गया है, उनके द्वारा एडवांस का समायोजन करा दिया गया है. कुछ कॉलेजों का एडवांस समायोजन प्रक्रियाधीन है. शेष को जल्द से जल्द एडवांस समायोजन का निर्देश दिया गया है.