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बिहार के इस मुख्यमंत्री ने किया था पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी देने का ऐलान, नाम जानकर चौंक जाएंगे आप  

बिहार : 21वीं सदी में इस बात पर बहस किया जा रहा है कि महिला कर्मचारी को महावारी के दौरान छुट्टी दी जाए या नहीं. लेकिन बिहार में 20वीं सदी के आखिरी दशक में एक नेता मुख्यमंत्री बनते ही महिला कर्मचारियों को महावारी के दौरान दो दिनों की छुट्टी देने का ऐलान कर देता है.

बिहार : धरती पर रहने वाली हर व्यस्क लड़की और महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के दर्द का सामना करना पड़ता है. इस दौरान पेट में ऐंठन, चलने में परेशानी और कमर दर्द की समस्या बेहद आम होती है. घर में रहकर घर को संभालने वाली महिलाओं को तो थोड़ा आराम मिलता है. लेकिन पीरियड्स के दौरान ऑफिस में काम करना किसी चुनौती से कम नहीं होता. इसके बावजूद 21वीं सदी में इस बात पर बहस किया जा रहा है कि महिला कर्मचारी को महावारी के दौरान छुट्टी दी जाए या नहीं. लेकिन बिहार में एक ऐसे भी सीएम रहे जिन्होंने 20वीं सदी के आखिरी दशक में मुख्यमंत्री बनते ही महिला कर्मचारियों को महावारी के दौरान दो दिनों की छुट्टी देने का ऐलान किया था. उनका यह फैसला 20वीं सदी के सबसे क्रांतिकारी कदमों में से एक माना जा सकता है. उनके इस फैसले को देश के कई राज्यों ने भी आगे चलकर अपनाया. 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव

इस राज्य के सीएम ने किया छुट्टी का ऐलान 

भारत में बिहार पहला ऐसा राज्य बना जहां साल 2 जनवरी 1992 से महिला कर्मचारियों को 2 दिन की पीरियड्स के लिए छुट्टी दी जा रही है. इसके लिए उन्होंने 32 दिन तक हड़ताल की थी जिसके बाद उन्हें यह हक मिला. इसकी शुरुआत लालू प्रसाद सरकार ने की थी. इसके बाद 1997 में मुंबई में स्थित कल्चर मशीन ने 1 दिन की छुट्टी देने की शुरुआत की. साल 2020 में फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने पीरियड लीव देने का ऐलान किया. इस समय भारत में 12 कंपनी पीरियड लीव दे रही हैं जिसमें बायजू, स्विगी, मातृभूमि, बैजू, वेट एंड ड्राई, मैगज्टर जैसी कंपनी शामिल हैं. 

क्यों होती है महावारी? 

पीरियड या माहवारी एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जिसमें यूटेरस के अंदर से रक्त और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकल जाते हैं. यह आमतौर पर महीने में एक बार होता है. लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का मतलब है कि उनका शरीर अपने आप को संभावित गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के लिए तैयार करता है. यह आमतौर पर 11-14 साल की उम्र में शुरू होती है.

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महावारी के कुछ मुख्य बिंदु:

1. चक्र: महावारी आमतौर पर 28 दिनों के चक्र में होती है, लेकिन यह समय अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग हो सकता है.

2. लक्षण: महावारी के दौरान महिलाओं को पेट में दर्द, थकान, मिजाज, और अन्य शारीरिक परिवर्तन का अनुभव हो सकता है.

3. स्वच्छता: महावारी के दौरान स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है. सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन का उपयोग करके रक्तस्राव को नियंत्रित किया जा सकता है.

4. स्वास्थ्य: महावारी से जुड़े कुछ स्वास्थ्य मुद्दे हो सकते हैं, जैसे कि भारी रक्तस्राव, दर्दनाक अवधि, या पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम). इन मुद्दों के लिए चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है.

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Prashant Tiwari
Prashant Tiwari
प्रशांत तिवारी डिजिटल माध्यम में पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में एक्टिव हैं. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी से करके राजस्थान पत्रिका होते हुए फिलहाल प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम तक पहुंचे हैं, देश और राज्य की राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं. साथ ही अभी पत्रकारिता की बारीकियों को सीखने में जुटे हुए हैं.

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